बिहार के जल संसधान मंत्री संजय झा ने नेपाल पर लगाया बाढ़ नियंत्रण नहीं करने का आरोप

हर साल की तरह इस साल भी बिहार में बाढ़ की परिस्थितियां पैदा होने लगी है. राज्य में लगातार बारिश हो रही है. वहीं बिहार के जल संसाधान मंत्री ने कहा है कि नेपाल बाढ़ रोकने में मदद नहीं कर रहा है.

बिहार के जल संसधान मंत्री संजय झा ने नेपाल पर लगाया बाढ़ नियंत्रण नहीं करने का आरोप

राज्य के जल संसाधन मंत्री ने नेपाल सरकार पर लगाया बाढ़ को नियंत्रित नहीं करने का आरोप. (प्रतीकात्मक फोटो)

खास बातें

  • नेपाल पर लगाया बाढ़ को नियंत्रित नहीं करने का आरोप
  • मगर मामला उतना गंभीर नहीं जितना बताया जा रहा है
  • क्या नेपाल को दूसरा पाकिस्तान बनाने की हो रही है कोशिश
पटना:

हर साल की तरह इस साल भी बिहार में बाढ़ की परिस्थितियां पैदा होने लगी हैं. राज्य में लगातार बारिश हो रही है. वहीं बिहार के जल संसाधान मंत्री ने कहा है कि नेपाल बाढ़ रोकने में मदद नहीं कर रहा है. हालांकि देखा जाए तो यह एक राजनीति बयान है जो सत्तारूढ़ पार्टी खुद को बचाने के लिए दे रही है. मगर वास्तविकता यह भी है कि बिहार और नेपाल सरकार के बीच संवाद की भारी कमी है. इसके साथ ही हाल में जो विवाद हुए हैं उसका असर भी है. लेकिन एक पक्ष यह भी है कि बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा जनता दल यूनाइटेड के सोशल मीडिया के इंचार्ज भी हैं. इसलिए अगर स्थिति इतनी भयावह होती तो उन्होंने मुख्यमंत्री को इसके बारे में बताया होता. रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूछा कि सोशल मीडिया स्ट्रीमिंग साइट्स को कितना सेंसरशिप किया जा सकता है.  

दूसरी बात यह भी है कि अगर स्थिति इतनी चिंताजनक होती तो संजय झा भी केंद्रीय जल संसाधान मंत्री, विदेश मंत्री और नेपाल के जल संसाधान मंत्री को टैग करके ट्वीट कर सकते थे. मगर उनके अकाउंट पर ऐसी कोई जानकारी नहीं दिखाई देती. ऐसा लगता है कि देश की राजनीति में जिस तरह से पाकिस्तान का इस्तेमाल किया जाता रहा है. उसी तरह नेपाल को भी एक दूसरा पाकिस्तान बनाने की तैयार हो रही है, जिससे उनके नाम पर अपनी विफलता को छुपाया जा सके.

इसके अलावा संजय झा के बयान पर यह सवाल भी उठ रहा है कि जब बाढ़ के नियंत्रण का काम 15 जून तक हो जाता है तो फिर वह एक हफ्ते बाद यानी 22 जून को इस तरह का बयान क्यों दे रहे हैं? वहीं ग्राउंड स्तर पर अधिकारी होते हैं, वे बातचीत करके इस गतिरोध को खत्म करते हैं. लेकिन अगर मामला इतना गंभीर है तो फिर बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को अब तक इससे अवगत क्यों नहीं कराया? या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से नेपाल के जल संसाधन मंत्री को टैग करके इस बारे में सूचना क्यों नहीं दी गई? यह तो सभी जानते हैं कि आज आप एक महज एक ट्वीट के माध्यम से अपनी बात को पूरे विश्व में पहुंचा सकते हैं, लेकिन लगता है कि मामला इतना गंभीर नहीं है. अगर होता तो मुख्यमंत्री के पास यदि सोशल मीडिया स्ट्रीमिंग साइट पर बैन लगाने का वक्त है तो निश्चित रूप से वह इस समस्या पर भी केंद्र से बात कर सकते थे. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

VIDEO: वीर जांबाजों की अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब