
बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को परीक्षाओं को लेकर अपना स्टैंड क्लियर करने के लिए कहा है.
कोरोनावायरस महामारी के बीच बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं आयोजित कराना एक बड़ा मसला बन गया है. महाराष्ट्र राज्य में कोरोनावायरस के तेजी से बढ़ते हुए मामले देखकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वो स्पष्ट करें कि राज्य में CISCE बोर्ड को 10वीं और 12वीं की पेंडिंग परीक्षाएं आयोजित करने के लिए अनुमति देते हैं या नहीं. कोर्ट ने राज्य सरकार से परीक्षाओं को लेकर उनका स्टैंड क्लियर करने के लिए कहा है.
यह भी पढ़ें
Board Exams 2020: बची हुई बोर्ड परीक्षाओं के बारे में आज फैसला सुना सकते हैं HRD मंत्री, जानिए डिटेल
CISCE Board Exams 2020: इस राज्य के स्कूल का छात्रों को आदेश, बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए दिखाएं Corona Negative रिपोर्ट
CISCE बोर्ड का बड़ा फैसला, 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स छोड़ सकते हैं बची हुई परीक्षाएं
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सरकार से कहा है कि इस मामले में सरकार अब और इंतजार करने का विकल्प नहीं चुन सकती है. कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि वे एफिटडेफिट जमा करके अपना स्टैंड क्लियर करें. कोर्ट ने कहा कि अगर ISCE स्कूल के 50 फीसदी स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल होते हैं तो इसपर सरकार क्या करना चाहेगी और परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स 50 फीसदी से ज्यादा या फिर कम होते हैं तो सरकार का इसपर क्या फैसला होगा. इस मामले में अब अगली सुनवाई बुधवार को की जाएगी.
ISCE बोर्ड द्वारा जमा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र में बोर्ड से संबंधित कुल 226 स्कूल हैं और 23,347 स्टूडेंट्स को 10वीं की परीक्षा में शामिल होना है.
बता दें कि CISCE बोर्ड ने पिछले हफ्ते बॉम्बे हाई कोर्ट के सामने अपना प्रस्ताव रखा था कि 10वीं और 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स अगर चाहें तो परीक्षाओं को छोड़ सकते हैं. परीक्षा न देने का विकल्प चुनने वाले स्टूडेंट्स का रिजल्ट प्री- बोर्ड एग्जाम की परफॉर्मेंस या इंटरनल असेसमेंट के आधार पर जारी किया जाएगा. काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) के चीफ एग्जीक्यूटिव और सचिव, गैरी अराथून (Gerry Arathoon) के अनुसार, " छात्रों को 22 जून तक अपने-अपने स्कूलों में अपने विकल्प के बारे में सूचित करना होगा."
दरअसल, कुछ पैरेंटस की तरफ से कोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि कोरोनावायरस के खतरे के चलते एग्जाम कैंसिल कराने के निर्देश दिए जाएं. इसी याचिका पर कोर्ट में सुनवाई हुई थी, जिसमें बोर्ड ने अपना पक्ष रखा था. बोर्ड के इस प्रस्ताव के बाद बेंच ने बोर्ड से अल्टरनेटिव ग्रेडिंग सिस्टम को लेकर उनकी कार्यप्रणाली उन स्टूडेंट्स के लिए पेश करने के लिए कहा था, जो परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते हैं. कोर्ट के इस आदेश के बाद बोर्ड ने कार्यप्रणाली पर अपना अंतिम फैसला देने के लिए समय मांगा है.
कोरोनावायरस महामारी के चलते CISCE बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था. अब ये पेंडिंग एग्जाम 1 जुलाई से 14 जुलाई के बीच आयोजित कराए जाएंगे.