
जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा का फाइल फोटो.
Coronavirus: भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में संशोधन की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को विचार करेगा. जस्टिस एस रवींद्र भट चेंबर में इन पर विचार करेंगे. सुप्रीम कोर्ट में चार याचिकाएं दायर की गई हैं जिनमें से एक याचिका मुस्लिम युवक की भी है. यह रथ यात्रा 23 जून यानी मंगलवार से शुरू होनी थी.
याचिकाओं में कहा गया है कि जगन्नाथ यात्रा को केवल पुरी में निकालने की इजाज़त मिले. कहा गया है कि रथयात्रा सदियों पुरानी परंपरा है जिसमें करोड़ों लोगों की आस्था है. मांग की गई है कि पुरी की मुख्य रथयात्रा को अनुमति दें. आग्रह किया गया है कि यात्रा निकालने और पूजा के लिए लाखों लोगों को नहीं केवल 500-600 लोगों को इजाज़त मिले जो कोरोना संकट के मद्देनज़रजार बचाव संबंधी गाइडलाइन और आपसी दूरी का पूरा ध्यान रखेंगे.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संकट के चलते ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ यात्रा निकालने और उससे जुड़ी गतिविधियों पर 18 जून को रोक लगा दी थी. यह यात्रा 23 जून को होनी थी जिसमें 10 लाख से अधिक लोगों के जमा होने की उम्मीद थी. यह कार्यक्रम करीब 10 दिन चलता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए आदेश ज़रूरी है.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भगवान जगन्नाथ से माफी मांगी. चीफ जस्टिस ने कहा कि "अगर हम इसकी इजाजत देते हैं तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे. महामारी के समय ऐसे आयोजन नहीं हो सकते हैं. लोगों के स्वास्थ्य के लिए आदेश जरूरी है."
सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह एक एनजीओ ने याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार यात्रा पर रोक के आदेश का फैसला नहीं ले पा रही है और यात्रा की तैयारियां बड़े जोर से चल रही हैं जिसमें लाखों लोगों की भीड़ जुटेगी. इससे कोरोना महामारी और फैलेगी.
VIDEO : सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ रथयात्रा पर लगाई रोक