
लखनऊ: कुछ घंटे पहले से सूर्यग्रहण का आरंभ हो चुका है और कुछ घंटे के बाद सूर्य ग्रहण खत्म हो जाएगा। लेकिन ग्रहण की समाप्ति के बाद भी एक चीज रह जाएगी वो है इस ग्रहण का असर। वैसे तो बहुत सी खबरों से ग्रहण के प्रभाव किस राशि पर क्या होने वाला है इसकी जानकारी अब तक आपको मिल चुकी है। अब हम जानेंगे कि अगले 4 महीने तक इस ग्रहण के दुष्प्रभाव से कैसे बचा जाए कि हमारा जीवन खुशहाल रहें और विपत्ति व महामारी से हमारा वास्ता भी न पड़े।
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संबंधों पर असर और उपाय
यह ग्रहण करीब 5 घंटे, 48 मिनट 3 सेकंड का यह ग्रहण हर क्षेत्र होगा प्रभावित। जिन लोगों पर इस ग्रहण का व्यापक प्रभाव पड़ रहा है चाहे वो मनुष्य हो या देश। सभी अपने रिश्तों को लेकर सचेत रहेने की जरूरत है।इस ग्रहण का असर पड़ोसी देश के साथ संबंधों पर पड़ेगा। अमेरिका में भी सत्ता में उलट-पुलट होगी तो निजी रिश्तों में भी संबंध विच्छेद होंगे। इसके लिए जरूरी है कि हर दिन सुबह सूर्य को तांबे के लोटे में लाल फूल के साथ जल चढ़ाएं।
आर्थिक क्षेत्र पर असर और उपाय
सूर्य चंद्र व बुध से जो पीडित होंगे उन पर ग्रहण का सबसे ज्यादा असर होगा। इससे सरकार और सत्ता पर काबिज लोगों के साथ-साथ धार्मिक नेता भी प्रभावित होंगे। धन हानि होगी।जो लोगो संचार उद्योग से जुड़े हैउन पर ग्रहण का असर दिखेगा। उन्हें 4 महीने सतर्क रहने की जरूरत है। सॉफ्टवेयर और लघु उद्योग से जुड़े लोग प्रभावित होंगे। ऐसे लोगों को हरी चीजों का दान करना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करके इसका असर कम करना चाहिए।
अधिकारी वर्ग के लिए उपाय
ग्रहण काल में सूर्य अगर राहु के साथ गोचर करे तब बहुत ही अहित वाली बात होती है। इससे देश का नाम कलंकित होता है। देश के शीर्ष नेता, अधिकारी, या अन्य वर्ग भी कलंकित होता है। उन्हें लोगों का आक्रोश का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों को दुर्गा सप्तशति का पाठ करना चाहिए साथ ही हनुमानजी की शरण में जाकर आराधना करनी चाहिए।
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अन्न मे कमी करें अन्नपूर्णा की पूजा
इस बार सूर्यग्रहण रविवार को पड़ रहा है, इसलिए यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि इससे गेहूं के उत्पाद में कमी के अलावा धान एवं अन्य अनाजों की उपज पर असर होगा। इसके अलावा गाय के दूध का उत्पाद भी कम हो सकता है। इसके लिए हल चलाने से पहले धरती पूजन जरूर करें। शनिदेव की पूजा करें। पीपल के पेड़ के नीचे दीप जलाएँ।
इन मंत्रों से करें 4 माह तक महाउपाय
ग्रहण खत्म होने के बाद इन मंत्रों में कोई भी एक मंत्र का संकल्प कर 4 माह तक जाप करें। इससे आप दुष्प्रभाव से बच जाएंगे।
“ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ”
“तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन. हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥१॥
“विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत. दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥2।।
ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय
जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।
इस मंत्र के जाप से ग्रहण के दौरान और बाद में व्यक्ति पर पड़ने वाली नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। इसके जप से आप अपने शत्रुओं पर विजय पा सकते हैं। अगर शत्रु का दमन करना चाहते हैं तो सूर्य ग्रहण के दौरान इस मंत्र का एक माला जरूर जाप करें।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये
प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।
इस मंत्र के जाप से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। ऐसे में ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जरूर जाप करें। इस मंत्र के पुण्य फल से धन की प्राप्ति होती है।
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“विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भया
मोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
इस मंत्र में राहु और केतु का आह्वान किया जाता है और उनसे शांति प्रदान करने की कामना की जाती है। चूंकि ग्रहण काल में और बाद में भी 4 माह राहु-केतु का प्रकोप रहता है। अतः इस मंत्र का जरूर जाप करें। कहते हैं कि अगर राशि में राहु-केतु की बुरी दृष्टि पर जाए तो उसके जीवन में अस्थिरता आ जाती है।
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