
प्रतीकात्मक तस्वीर
बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. यहां संक्रमितों की संख्या 7380 हो गई है जिसमें 4844 वो लोग हैं जो 3 मई के बाद बाहर के राज्यों से बिहार लौटे हैं. इस बीच, बिहार के मुजफ्फरपुर में कृषि विभाग के एक अधिकारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. यह अधिकारी पिछले दिनों शाही लीची लेकर दिल्ली स्थित बिहार भवन गए थे. यह लीची उपहार स्वरूप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य केन्द्रीय मंत्रियों के लिए भेजी गई थी. इसे लेकर मुजफ्फरपुर जनसंपर्क कार्यालय की ओर से बयान जारी करके कहा गया है कि अधिकारी का काम सिर्फ लीची पहुंचाने का था. लीची वितरण से उनका कोई लेना-देना नहीं था.
इस सम्बंध में मुज़फ्फरपुर के ज़िला अधिकारी चंद्रशेखर प्रसाद सिंह का कहना हैं कि अधिकारी केवल लीची का ट्रक बिहार भवन तक पहुंचा या नहीं ये सुनिश्चत करने के लिए दिल्ली बिहार भवन गए थे. उसके बाद वो अपने दो संबंधियों से मिलने गए. जिनमें से एक कोरोना पॉज़िटिव पाया गया. उसके आधार पर अधिकारी ने अपनी जांच कराई और वो भी पॉज़िटिव पाये गए. हालांकि, लीची के वितरण से उनका कोई लेना देना नहीं हैं. वो काम बिहार भवन के अधिकारी ही करते आ रहे हैं.
वहीं, जिला जन सम्पर्क कार्यालय की ओर से विज्ञप्ति में कहा गया कि मुजफ्फरपुर के कृषि विभाग के अधिकारी 9 जून को ट्रेन से लीची के पैकेट लेकर बिहार भवन, नई दिल्ली आये थे. बिहार भवन में कोरोना के रोकथाम हेतु दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करते हुए यह अधिकारी ने अपने कमरे में ही थे. यह स्पष्ट करना है कि इस अधिकारी की लीची के वितरण में कोई भूमिका नहीं थी और यह कार्य बिहार भवन की टीम द्वारा किया जा रहा था.
दरअसल, इस तरह की खबर आई थी कि कोरोना पॉजिटिव पाए गए सरकारी अधिकारी लीची वितरण करने/बांटने गए थे". इस बयान जारी करके साफ किया गया कि संबंधित अधिकारी लीची पहुंचाने गए थे, न कि वितरण करने या बांटने. वहां जाकर लीची वितरण करने से उनका कोई सरोकार नहीं है. उनका कार्य सिर्फ लीची पहुंचाना था.
फ़िलहाल इस अधिकारी को जो 9 दिन पूर्व दिल्ली से लौटे थे उन्हें कोविड केयर सेंटर में भेजा गया हैं. हालांकि सवाल ये भी उठ रहा है कि वो प्लेन से लौटे थे इसलिए क्या अब राज्य सरकार कांट्रैक्ट ट्रेसिंग करेगी.