
हैदराबाद: तेलंगाना में वुमन सेफ्टी विंग की इनचार्ज IPS स्वाति लकड़ा को गुरुवार को एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के पद पर प्रमोट किया गया। जिसके बाद ट्विटर पर उनके लिए बधाइयों का तांता लग गया। तेलंगाना सरकार ने उन्हें Addl DGP के पोस्ट पर प्रमोट किया है। बता दें कि इस अफसर का नाम सुनने से ही अपराधियों के पसीने छूटने लगते हैं। स्वाति लकड़ा एक तेजतर्रार हैं, और महिला हिंसा को लेकर बहुत ज्यादा सख्त हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि तेलंगाना में आखिर कैसी है उनकी छवि।
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ट्विटर पर दी अपने प्रमोशन की जानकारी
Promoted to the rank of Addl DGP. Thank you all for your support.
Will continue to strive hard to ensure safety and security to all.🙏🙏🙏 pic.twitter.com/44C8MjmgIY— Swati Lakra IPS (@IGWomenSafety) June 18, 2020
1995 बैच की IPS अधिकारी हैं स्वाति लकड़ा
स्वाति लकड़ा 1995 बैच की IPS अधिकारी हैं। स्वाति ने अपने इंटर की पढ़ाई लॉरेटो कॉन्वेंट रांची से की है। उसने पिता दक्षिण पूर्व रेलवे में सिविल इंजीनियर के पद कार्यरत रहे हैं। बचपन से ही स्वाति अपने पढ़ाई में काफी तेज रही हैं और उनका स्वभाव भी हमेशा से गंभीर रहा है। रांची में 12वीं पास करने के बाद दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमन से राजनीति विज्ञान सब्जेक्ट से ग्रेजुएशन किया।
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कभी डॉक्टर बनने का था सपना
जिस अफसर से अपराधी कांपने लगते हैं, वो पहले डॉक्टर बनना चाहती थीं। लेकिन जब उन्हें सिविल सर्विसेज के बारे में पता चला तो उन्होंने IPS बनने का मन बना लिया। सिविल सर्विसेज के बारे जी जान से तैयारी की और आखिर उन्होंने अपना लक्ष्य पा लिया। IPS स्वाति लकड़ा जो अब DGP बनने जा रही हैं, सबसे ज्यादा सुर्खियों में तब आईं, जब उन्होंने तेलंगाना की वुमन सेफ्टी विंग का चार्ज संभाला। यहां पर उन्होंने SHE टीम और भरोसा सेंटर बनाया।
क्या है SHE टीम?
बता दें कि SHE टीम तेलंगाना पुलिस की एक विंग है, जिसकी शुरूआत 24 अक्टूबर 2014 को हुई थी। जिसका मकसद लड़कियों और महिलाओं को सुरक्षा देना है। इस मुहिम के बदौलत ही घटनाओं में काफी कमी आई है। ये टीम पांच लोगों के छोटे-छोटे समूहों में काम करती है। ये टीम मुख्य रूप से हैदराबाद के व्यस्त सार्वजनिक क्षेत्रों में सक्रिय रहती है।
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भरोसा भी किया लॉन्च
वहीं साल 2016 में स्वाति ने एक एक-स्टॉप सपोर्ट सेंटर भरोसा भी लॉन्च किया। जो यौन हिंसा की शिकार महिलाओं और बच्चों के लिए लॉन्च किया गया था। ये सेंटर बच्चों को यौन अपराधों से बचाने और चाइल्ड एब्युज के मामलों में मदद का काम करता है। इसके बाद दिसंबर 2017 में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (POCSO) एक्ट के तहत चाइल्ड-फ्रेंडली कोर्ट भी बनाया गया। इस कोर्ट की खासियत ये है कि यहां इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि पीड़ित को आरोपी के सामने ना लाया जाए।
अफसर के साथ-साथ पत्नी और मां की भूमिका में भी सफल
अफसर भूमिका को अच्छे से निभाने के साथ वो दो बच्चों की मां और एक पत्नी की भूमिका भी अच्छे से निभाती हैं। स्वाति हमेशा अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं।
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