
बुधवार को जेल से रिहा हुए अजय कुमार लल्लू. (फाइल फोटो)
खास बातें
- बुधवार को जेल से रिहा हुए हैं अजय कुमार लल्लू
- कहा, 'भाजपा की गरीब विरोधी मानसिकता साफ हो गई है.
- मजदूरों की सेवा करने, उन्हें सुरक्षित लाने की पहल करने पर जेल हो रही है
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भाजपा को मजदूर एवं गरीब विरोधी करार देते हुए गुरुवार को कहा कि मजदूरों, दलितों और वंचितों के लिए एक बार नहीं, एक हजार बार भी जेल जाना पड़े तो वह कदम पीछे नहीं हटाएंगे. बुधवार को जेल से रिहा हुए लल्लू ने कहा, 'भाजपा की गरीब विरोधी मानसिकता साफ हो गई है. मजदूरों की सेवा करने, उन्हें सुरक्षित लाने की पहल करने पर जेल भेजा जाता है. फर्जी मुकदमे दर्ज किए जाते हैं लेकिन भाजपा देश विरोधी, गरीब-मजदूर विरोधी नीतियों और तानाशाही के दम पर हमारा सेवा कार्य नहीं रोक सकती.'
उन्होंने कहा, 'मजदूरों की आवाज को, श्रमिकों की आवाज को, दलितों, पिछडों और उत्तर प्रदेश की अवाम की आवाज को जेल की दीवारें नहीं रोक सकतीं.... एक बार नहीं, एक हजार बार भी जेल जाना पड़े तो कदम पीछे नहीं हटाऊंगा.' गौरतलब है कि लल्लू 20 मई से जेल में थे और 17 जून को रिहा हुए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पैदल चल रहे प्रवासी श्रमिकों के लिए बसें चलवाने की अनुमति मांगी लेकिन सरकार ने अपनी गरीब विरोधी मानसिकता का परिचय दिया और मजदूरों की सेवा में लगे हमारे नेताओं के ऊपर फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिए.
कांग्रेस नेता ने कहा, 'इस कायर और गरीब विरोधी सरकार ने मुझे 27 दिनों तक जेल में रखा. मुझे अपने वकील तक से नहीं मिलने दिया. मुझे इस बात की परवाह नहीं है. मुझे सिर्फ इस बात की फिक्र थी कि सड़कों पर हज़ारों की तादाद में लोग पैदल चल रहे होंगे.' लल्लू ने लद्दाख में शहीद जवानों के परिवारों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हुए संवाददाता सम्मेलन के पहले शहीद जवानों के लिए कुछ क्षण का मौन रखा.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की एकजुटता सीमा पर लड़ रहे जवानों के साथ है. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री 36 घण्टे चुप क्यों रहें? देश जानना चाहता है कि आखिर किसके आदेश पर हमारे देश के जवानों की यूनिट को निहत्थे भेजा गया था?' कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, 'मेरे लिए यह पल बहुत ही भावुक कर देने वाला है कि हमारी पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के निर्देश पर पूरे प्रदेश में एक करोड़ 15 लाख लोगों तक भोजन और राशन का बंदोबस्त किया गया.'
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