डिप्रेशन पर सुप्रीम कोर्ट का एक्शनः सरकार से पूछा क्यों नहीं मिल रहा इन्हें बीमा

जनहित याचिका में कहा गया है कि साल 2017 और 2018 में कानून में संशोधन कर मानसिक रोगों को बीमा की कैटेगरी में लाया गया था, लेकिन इसके बाद भी बीमा कंपनियां इसका पालन करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं।

supreme court

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नई दिल्ली: मशहूर बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद पूरे देश शोक में डूब गया है। कोई यह बात माने को तैयार ही नहीं हो रहा कि ‘ एम एस धोनी और छिछोरे ‘ जैसी शानदार मूवी में अपनी एक्टिंग से कमाल दिखने वाले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत अब इस दुनिया में नहीं रहे। आपको बता दे कि अभी तक आई रिपोर्ट्स के मुताबिक मौत की वजह मानसिक बीमारी को बताया जा रहा है।

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IRDA ने ज़ारी किया नोटिस

इसी चीज़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार और बीमा कंपनियों पर निगरानी रखने वाली संस्थाबीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है कि आखिर मानसिक रुप से बीमार मरीजों को बीमा क्यों नहीं दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस वकील गौरव कुमार बंसल की ओर से दायर की गई जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई के बाद जारी किया है।

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4 हफ्तों का माँगा जवाब

जनहित याचिका में कहा गया है कि साल 2017 और 2018 में कानून में संशोधन कर मानसिक रोगों को बीमा की कैटेगरी में लाया गया था, लेकिन इसके बाद भी बीमा कंपनियां इसका पालन करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं। याचिका पर सुनवाई के बाद शीर्ष कोर्ट ने केंद्र सरकार और IRDA से इस संबंध में 4 हफ्तों में जवाब देने के लिए कहा है।

वहीँ रिपोर्ट्स कि माने तो सुशांत ने यह कदम डिप्रेशन में जाने के बाद उठाया | अब सवाल यही है कि ऐसी क्या बात थी जो अपने करियर की इस ऊंचाई में पहुचने के बाद उनको सताती रही और उन्होंने इतना बड़ा और घटक कदम उठाया |

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