कोरोना काल में मोदी सरकार ने किया ये बड़ा काम, 21 लाख लोगों को मिलेगा फायदा

कोविड-19 महामारी के समय में भी मोदी सरकार ने विकास कार्यों को पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। ऐसा हम नहीं बल्कि सरकारी आंकड़े ये बातें कह रहे हैं।

Published by Aditya Mishra Published: June 14, 2020 | 11:33 am
Modified: June 14, 2020 | 11:34 am

नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के समय में भी मोदी सरकार ने विकास कार्यों को पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। ऐसा हम नहीं बल्कि सरकारी आंकड़े ये बातें कह रहे हैं।

यहां बात प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना-पीएमएवाई की हो रही है। सरकारी दावों की मानें तो लॉकडाउन के रिकॉर्ड समय में मंत्रालय ने साढ़े तीन लाख ग्रामीण घर तैयार कर डाले हैं।

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बताया जा रहा है कि लॉकडाउन का एलान होते ही मंत्रालय ने राज्य सरकारों की मदद से प्रवासी मजदूरों के कुशलता डेटा के जरिए श्रमिकों से प्रशिक्षण से लेकर मिस्त्री और मजदूर तक का काम लेना शुरू कर दिया था। नतीजतन 20 अप्रैल से शुरू हुए आवासों के काम में शनिवार तक हर दिन औसतन 12 से 13 हजार तक घर तैयार हो रहे हैं।

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बताते चलें कि ग्रामीण योजना को प्रभावी बनाने में आ रही श्रमिकों और सामानों की कठिनाइयों को दूर कर मंत्रालय जोर-शोर से मार्च 2021 तक एक करोड़ 21 लाख घर को तैयार करने के लक्ष्य की पूर्ति में जुट गया है।

जिनमें से अब तक 22 लाख घर का निर्माण हो चुका हैं। जबकि 48 लाख घरों के लिए तीसरी किश्त की राशि स्वीकृत कर दी गई है।पीएमएवाई में मार्च 2022 तक दो करोड़ 21 लाख घरों का निर्माण होना था। ग्रामीण आवास योजना के लिए केंद्र सरकार ने इस साल मंत्रालय को 19 हजार पांच सौ करोड़ का बजट मंजूर किया था।

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