बिहार विधानसभा चुनाव : JDU ने ढूंढे अपने लिए 'वोटर', नीतीश कुमार ने बनाई ये खास रणनीति

बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार में इस बार डिजिटल मीडिया एक बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में है. बीजेपी ने जहां वर्चुअल रैली कर प्रचार अभियान का बिगुल फूंक दिया है वहीं उसकी सहयोगी पार्टी जेडीयू ने भी सोशल मीडिया की ताकत समझते हुए अपने कॉडर को इसे इस्तेमाल करने का मूलमंत्र दिया है.

बिहार विधानसभा चुनाव : JDU ने ढूंढे अपने लिए 'वोटर', नीतीश कुमार ने बनाई ये खास रणनीति

बिहार विधानसभा चुनाव : JDU ने भी बनाई डिजिटल प्रचार की रणनीति

नई दिल्ली :

Bihar News In Hindi : बिहार विधानसभा चुनाव Bihar Election)  प्रचार में इस बार डिजिटल मीडिया एक बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में है. बीजेपी ने जहां वर्चुअल रैली कर प्रचार अभियान का बिगुल फूंक दिया है वहीं उसकी सहयोगी पार्टी जेडीयू ने भी सोशल मीडिया की ताकत समझते हुए अपने कॉडर को इसे इस्तेमाल करने का मूलमंत्र दिया है. लेकिन उसकी रणनीति कुछ ऐसी है कि वह बीजेपी के डिजिटल प्रचार से कहीं ज्यादा' 'मारक नजर आ रही है. बीजेपी का डिजिटल प्रचार अभी तक वर्चुअल रैलियों तक ही सीमित है तो जेडीयू ने तय कर लिया है कि उसे सोशल मीडिया के जरिए किस उम्र के लोगों तक पहुंचानी है.  शुक्रवार को खत्म हुए 6 दिवसीय कार्यकर्ता वर्चुअल सम्मेलन में पार्टी के शीर्ष नेताओं की ओर से कहा गया है कि वाट्सग्रुप और फेसबुक पेज बनाए जाएं जो कि जनता और पार्टी के बीच लिंक का काम करेंगे. इस सम्मेलन में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी कार्यकर्ताओं से संवाद किया है.  जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार सरकार में मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि 18 से 24 साल की उम्र के  बीच 70 फीसदी पुरुष और महिला वाट्एसएप और फेसबुक इस्तेमाल करते हैं. इनकी ऑनलाइन में मौजदूगी को ध्यान में रखा जाना चाहिए.

संजय कुमार झा ने हाल ही में बिहार बोर्ड एग्जाम की मेरिट जहानाबाद और औरंगाबाद के परिणामों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी योजना फ्री में साइकिल और ड्रेस से लड़कियों की जीवन में सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि जो अभी नए वोटर हैं उनको इस साल 2005 के पहले के हालात पता होने चाहिए. 

संजय कुमार झा के बयान से साफ जाहिर हो रहा है कि जेडीयू के प्रचार में आरजेडी के शासन काल में हुए घटनाओं और वर्तमान नें नीतीश कुमार की उपलब्धियों को ही एजेंडा  बनाया जाएगा. इस एजेंडे को गृहमंत्री अमित शाह ने भी बीते रविवार को हुई वर्चुअल रैली में तय कर दिया था. जिस पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव  ने पलटवार करते हुए पूछा था कि क्या जेडीयू और नीतीश कुमार ने उनके पिता के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार  और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों को जानते थे जब उन्होंने हमारे साथ गठबंधन किया था. गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने कांग्रेस और आरजेडी का महागठबंधन छोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी.  इससे पहले वह साल 2013 में नरेंद्र मोदी को पीएम  पद का उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध में एनडीए से नाता तोड़ लिया था. 

वर्चुअल सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को मूलमंत्र देते हुए नीतीश कुमार ने 90-10 का भी फॉर्मूला भी दिया. नीतीश ने गुरुवार को नालंदा, पटना के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए 90-10 के सिद्धांत के बारे में बताया. सीएम ने कहा कि 90 प्रतिशत समय का इस्‍तेमाल वो सरकार की उपलब्धियां बताने में करें. जो सकारात्मक काम हुए, उन्‍हें लोगों को बताएं और 10 प्रतिशत समय का इस्‍तेमाल सरकार के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार मतलब विपक्षी दलों की आलोचना का जवाब देने में करेंं. उन्‍होंने कहा कि चुनाव आ रहे हैं, ऐसे में जो सकरात्मक काम हैं उनके प्रति अधिकांश लोगों का झुकाव होता है. हम लोगों का विवाद किसी से नहीं, हमारी काम के प्रति आस्था है.

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