
पहले दिन 10 घंटे से भी कम समय में इस ग्रुप ने करीब 12,000 रुपये जुटाए
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में काफी संख्या में प्रवासी मजदूर रहते हैं. कोरोनावायरस लॉकडाउन (Corornavirus Lockdown) की वजह से काम बंद होने से प्रवासी मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ा. मजदूरों की इस परेशानी को देखते हुए दिल्ली में कुछ यंगस्टर्स (युवाओं) ने उनकी मदद करने का बीड़ा उठाया और उन्हें घर भेजने के लिए पैसों का इंतजाम किया. उन्होंने 400 प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए कुल ढाई लाख रुपये जुटाये.
इस ग्रुप की सदस्य रमनदीप कौर ने कहा कि मजदूर अपने घर जाने के मजबूर थे लेकिन उनके घर लौटने के लिए ट्रेन या बस का टिकट खरीदने के पैसे नहीं थे. कौर ने कहा, "हमने कई मीडिया रिपोर्टों में देखा कि कई ऐसे लोग हैं, जो पैसे की कमी की वजह से नहीं जा पा रहे हैं. श्रमिक ट्रेनों को छोड़कर अन्य रेल यात्रा मुफ्त नहीं है. गार्गी, मनीष, शालू और मैंने फैसला किया कि हम इस बारे में कुछ करेंगे. दो जून, हम विभिन्न राज्यों को 18 लोगों से मिले, जो दिल्ली में फंसे हुए थे. उन्हें घर भेजने के लिए 23,000 रुपये की जरूरत थी. हमने अपने दोस्तों से व्हॉट्सएप और इंस्टाग्राम पर अपील की."
पहले दिन 10 घंटे से भी कम समय में इस ग्रुप ने करीब 12,000 जुटाए और 6 टिकट बुक की.
रमनदीप कौर ने कहा, "10 घंटे से कम समय में, हमने करीब 12,000 रुपये जुटाये. अगले दिन हमने उनके लिए 6 टिकट बुक की. हमने अब तक 2.5 लाख रुपये जमा किए और 400 से ज्यादा मजदूरों को ट्रेनों और बसों से उनके घर भेज चुके हैं." हालांकि, अब उन्हें पैसों की कमी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कुछ लोग मदद के लिए उनके पास पहुंच रहे हैं.
उन्होंने बताया, "हमारे पास फंड कम पड़ गया है. हमारे पास सिर्फ 20-30 हजार रुपये बचे हैं. हमारे पास 250 से ज्यादा लोग हैं, जो घर जाना चाहते हैं. हमें उम्मीद है कि हम बाकी लोगों को घर भेजने के लिए पैसे जुटा लेंगे.
ग्रुप की एक अन्य सदस्य गार्गी चौहान ने कहा कि उन्हें मजदूरों की मदद करने की प्रेरणा एक्टर सोनू सूद से मिली. सोनू सूद लॉकडाउन से लेकर अब तक हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने में मदद कर चुके हैं.