
कोरोना के मामलों के लिहाज से महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद देश में दिल्ली तीसरे नंबर पर है
दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक करेंगे. इसके अलावा, वह अलग से दिल्ली के तीनों नगर निगमों और निगम आयुक्तों के साथ भी एक बैठक करेंगे. केजरीवाल 17 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी बैठक करेंगे. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिुप्ल्ली की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दिल्ली की अस्पतालों की स्थिति बेहद “भयावह” है और कोविड-19 मरीजों के पास शव रखे दिख रहे हैं. बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के लिहाज से महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद देश में दिल्ली तीसरे स्थान पर है.
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महामारी के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच यह दूसरी मीटिंग है. यह बैठक 11 बजे शुरू होगी जहां दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति से निपटने के तरीकों और अस्पतालों में मरीजों के लिये बिस्तरों की उपलब्धता नहीं होने और टेस्ट में रही मुश्किलों को लेकर हो रही समस्याओं पर चर्चा होगी. बताते चलें कि दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को 2,134 नए मामले सामने आए, जिसके बाद यहां कुल संक्रमितों की संख्या 38,958 हो गई जबकि मौत के 57 नए मामलों के साथ ही मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1,271 हो गया. यह दूसरा दिन है जब एक ही रोज में संक्रमण के मामले दो हजार से अधिक पाए गए हैं। इससे पहले, शुक्रवार को 2,137 मामले सामने आए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को शहर की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दिल्ली की अस्पतालों की स्थिति बेहद “भयावह” है और कोविड-19 मरीजों के पास शव रखे दिख रहे हैं. न्यायालय की टिप्पणी के बाद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने कहा कि वह पूरे सम्मान और ईमानदारी के साथ उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों को स्वीकार करती है और दिल्ली सरकार सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने और प्रत्येक कोविड-19 मरीज के लिए हरसंभव इलाज सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है. बैजल ने भी कोविड-19 प्रबंधन योजना और राजधानी में चिकित्सा ढांचे को और सुदृढ़ बनाने पर सुझाव देने के लिये छह सदस्यीय एक समिति का गठन किया है. बैजल ने हाल में दिल्ली सरकार के उस फैसले को पलट दिया था जिसमें कहा गया कि अस्पताल के बिस्तर और जांच सिर्फ दिल्ली वालों के लिये हैं और जांच भी उन मरीजों की होगी जिनमें लक्षण नजर आएंगे.
Video: क्या दिल्ली में अब ज्यादा टेस्ट होंगे ?