
मुंबई में कोरोना के मामले चीन के वुहान शहर से भी ज्यादा (फाइल फोटो-एएफपी)
महाराष्ट्र में कोरोनावायरस संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले होने के बावजूद भी राज्य सरकार कम्यूनिटी स्प्रेड की रिपोर्टों को खारिज कर रही है. अभी तक महाराष्ट्र में कोरोना के 90 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. लेकिन राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि मुझे विश्वास नहीं है कि यहां कम्यूनिटी स्प्रेड है. महाराष्ट्र को लेकर यह सिर्फ धारणा बनाई जा रही है. बता दें कि मंगलवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि दिल्ली में आधे से ज्यादा कोरोनावायरस के मामलों का किसी भी स्रोत से पता ही नहीं चल पा रहा है जिससे पता चल सके की कम्यूनिटी ट्रांसमीशन हुआ है या नहीं. केंद्र सरकार द्वारा कम्यूनिटी ट्रांसमिशन से इनकार किए जाने के बाद सत्येंद्र जैन ने आज कहा, 'समुदाय ट्रांसमिशन है या नहीं इसका फैसला केंद्र सरकार करती है, यह एक टेक्निकल टर्म हैं.'
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राजधानी दिल्ली में अभी तक 31000 मामले सामने आ चुके हैं वहीं मुंबई में इससे कहीं ज्यादा 51 हजार से ज्यादा केस हैं. यह आंकड़ा चीन के वुहान शहर के मामलों से भी ज्यादा है जहां से यह वायरस पिछले साल दिसंबर में निकला था.राजेश टोपे ने कहा,“ समुदाय ट्रांसमिशन के लिए 20 से 40 फीसदी मामले सीधे समुदाय से फैलने वाले होने चाहिए.
यहां हम संपर्क ट्रेसिंग के माध्यम से पता नहीं लगा सकते हैं कि उन्होंने इसे कहां से संपर्क किया है"
NDTV से बातचीत के दौरान उन्होंने समझाया कि "यह या तो इंडेक्स के मामले में हाई रिस्क वाले संपर्कों के संपर्क में आने से है या एक मध्यस्थ के माध्यम से इंडेक्स मामले से संक्रमण के माध्यम से है,"उन्होंने बताया कि राज्य में हर केस को थ्री टी सिद्धांत से ट्रेस किया जा रहा है. जिसका मूल है आक्रामक ट्रेसिंग, टेस्टिंग और आइसोलेशन व इलाज. मंत्री ने कहा कि हम राज्य में हर केस को इसी सिद्धांत के माध्यम से ट्रेस कर रहे हैं.
देश में उस रिपोर्टों के आने के बाद लोगों में समुदाय ट्रांसमिशन का डर बढ़ गया है, जिसमें यह दावा किया गया है कि लगभग 15 से 30 प्रतिशतल लोग जो कंटोन्मेंट जोन और हॉटस्पॉट इलाकों में रहते हैं वह संक्रमण के संपर्क में हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री की टिप्पणी से रिपोर्ट की आशंकाओं को भी बल मिला है.
कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में देश की नोडल बॉडी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने उन खबरों का खंडन किया है कि सीरो-सर्वेक्षण से पता चला है कि लगभग एक-तिहाई लोग, जो कि कंटेंमेंट ज़ोन और हॉटस्पॉट में रह रहे हैं वो COVID -19 से संक्रमित हो सकते हैं और बिना किसी निश्चित संपर्क ट्रेस के बरामद किए जा सकते हैं.
ICMR ने ट्वीट किया, "COVID-19 के लिए ICMR सेरो-सर्वे से संबंधित निष्कर्ष मीडिया में दिखाई दिए, अभी तक कयास और सर्वेक्षण के नतीजे हैं."
ICMR ने ट्वीट किया, 'COVID-19 के लिए ICMR सेरो-सर्वे से संबंधित मीडिया में सामने आए निष्कर्षों को अंतिम रूप दिया जाना अभी तक अटकलें और सर्वेक्षण परिणाम हैं' मुंबई में इस महीने मौतों में लगातार वृद्धि देखी गई है, जिसके लिए डॉक्टरों ने आईसीयू बेड की कमी को जिम्मेदार ठहराया है. शहर में जून में हर दिन औसतन 53 मौतें दर्ज की गई हैं, जो पिछले महीने औसत 32 थी.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ''हां स्थिति बहुत विकट है, हमें प्राइवेट अस्पतालों से 80 प्रतिशत बेड मिल रहे हैं, इनमेंआईसीयू भी शामिल है. 45,000 से अधिक लोग ठीक हो चुके हैं, उन्हें छुट्टी दे दी गई है. हमारी मृत्यु दर लगभग 3.5% है. हमारी दोहरीकरण दर 20 दिनों से अधिक है. सभी मापदंडों में, हम बराबर हैं, या राष्ट्रीय औसत से बेहतर कर रहे हैं."