दिल्ली के अस्पतालों में इलाज को लेकर दिल्ली सरकार ने औपचारिक आदेश जारी किया है. दिल्ली सरकार के अस्पतालों में, प्राइवेट अस्पतालों में और नर्सिंग होम में केवल दिल्ली के निवासियों को ही एडमिट किया जाएगा. लेकिन कुछ खास तरह के इलाज और ट्रीटमेंट को इससे छूट दी गई है जैसे ट्रांसप्लांटेशन, ऑनकोलॉजी, न्यूरो सर्जरी. इन मामलों में मरीज कहीं का भी हो सब को इलाज दिया जाएगा. यही नहीं दिल्ली की सीमा में किसी सड़क दुर्घटना या एसिड अटैक में कोई व्यक्ति घायल होगा तो उसको पहले की ही तरह इलाज मिलेगा फिर चाहे वह व्यक्ति कहीं का भी हो.
कोई भी व्यक्ति इन डॉक्यूमेंट को दिखा कर खुद को दिल्ली निवासी साबित कर सकता है:
1. वोटर आईडी कार्ड
2. बैंक/किसान/पोस्ट ऑफिस पासबुक
3. पेशेंट राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल या एसेसमेंट ऑर्डर
4. बिजली/पानी/गैस कनेक्शन का लेटेस्ट बिल
5. 7 जून से पहले बना हुआ आधार कार्ड
6. 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए उनके माता-पिता के डाक्यूमेंट्स मान्य होंगे
7. पोस्टल डिपार्टमेंट की पोस्ट प्राप्ति की रसीद
दिल्ली सरकार के अस्पतालों से लगातार खबरें आ रही हैं कि मरीज अलग-अलग बीमारियों के ट्रीटमेंट और एडमिट होने के लिए जाते हैं लेकिन उनको एडमिट होने में समस्या का सामना करना पड़ता है. जिसके बाद अब दिल्ली सरकार ने दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में 24×7 हेल्पडेस्क बनाने का फ़ैसला किया है. अब दिल्ली के सरकार के सभी 28 अस्पतालों में 24×7 हेल्पडेस्क होगी जिसमें हर अस्पताल में 4 लोग इसी काम के लिए नियुक्त कर दिए गए हैं. इस हेल्पडेस्क में 12-12 घंटे की दो शिफ्ट होंगी, हर शिफ्ट में दो अफसर दिल्ली सरकार के होंगे. रात वाली शिफ्ट के लिए एक कॉन्स्टेबल भी रहेगा.जिस इलाके में यह अस्पताल होगा उस इलाके के एसडीएम की ये जिम्मेदारी होगी कि वह हेल्पडेस्क के कामकाज की निगरानी करें.