
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाके में आने वाले दिनों में बड़े भूकंप आ सकते हैं। ऐसा कहना है देश के वरिष्ठ वैज्ञानिकों का। बता दें कि 12 अप्रैल से 29 मई के बीच दस भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। वहीं बीते पांच दिनों में दिल्ली- NCR में तीन भूकंप के झटके रिकॉर्ड किए गए हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि दिल्ली में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है।
दिल्ली में बड़े भूकंप का खतरा
हाल ही में तीन जून की देर शाम दिल्ली से सटे नोएडा में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.2 दर्ज की गई। पिछले पांच दिनों में तीन बार यहां पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। अब ऐसे में ये सवाल खड़ा होने सगा कि आखिर दिल्ली- NCR की जमीन के नीचे क्या हो रहा है। क्या कहीं पर आ रहे भूकंप की वजह से दिल्ली-एनसीआर में ऐसा हो रहा है।
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कभी आ सकता है भूकंप
जवाहरलाल नेहरू सेंटर ऑफ एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च में प्रोफेसर सीपी राजेंद्रन ने आशंका जताई है कि दिल्ली- NCR में बड़े भूंकप का खतरा है। यहां कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। लेकिन यह कह पाना मुश्किल है कि यह कब आएगा और कितना खतरनाक होगा। सीपी राजेंद्रन ने ये सभी बातें एक इंटरव्यू के दौरान कहीं।
सीपी राजेंद्रन ने साल 2018 में एक अध्ययन किया था। इस स्टडी के मुताबिक, साल 1315 और 1440 के बीच भारत के भाटपुर से लेकर नेपाल के मोहाना खोला तक जमीन के अंदर एक बड़ा गैप बन गया था। यह सीसमिक गैप 600 किलोमीटर लंबी थी। यह एक सक्रिय भूकंपीय फॉल्ट है।
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लगातार भूकंपीय दबाव के चलते आ सकता है भूकंप
सीपी राजेंद्रन के मुताबिक, आमतौर पर इस गैप में कोई हलचल होती नहीं दिखती। इस पर छोटे-मोटे झटके आते रहते हैं। बीते 600-700 सालों से इस गैप में शांति है। लेकिन इस पर लगातार भूकंपीय दबाव बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह दबाव भूकंप के तौर पर सामने आ सकता है। यहां से 8.5 तीव्रता तक भूकंप आ सकता है। अगर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 8.5 तीव्रता का भूकंप आता है भयानक तबाही देखने को मिलेगी।
दिल्ली- NCR के नीचे 100 से ज्यादा लंबी और गहरी फॉल्ट्स हैं। इसमें से कुछ फॉल्ट्स दिल्ली-हरिद्वार रिज, दिल्ली-सरगोधा रिज और ग्रेट बाउंड्री फॉल्ट पर हैं। इनके साथ ही कई सक्रिय फॉल्ट्स भी इनसे जुड़ी हुई हैं।
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इस वजह से दिल्ली में आते हैं भूकंप
ये सभी फॉल्ट्स हिमालय के टेक्टोनिक प्लेट से सटे हैं। ऐसे में हिमालय के टेक्टोनिक प्लेट में जो बदलाव होते हैं उसकी वजह से से दिल्ली के आसपास के फॉल्ट्स हिलते या कांपते हैं। जिनकी वजह से दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस होते हैं।
यहां पर भूकंप का ज्यादा खतरा
राजेंद्रन ने बताया कि यमुना नदी के आसपास भूकंप का ज्यादा खतरा है। यहां भूकंप आने की वजह से इमारतों को भारी नुकसान पहुंच सकता है। अगर ये भूकंप हिमालय की तरफ से आते हैं तो गंगा का मैदानी इलाका और यमुना का इलाका बुरी तरह से प्रभावित होने की आशंका है।
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दिल्ली में कैसा है भूकंप का खतरा?
जानकारों का कहना है कि रिक्टर स्केल पर पांच से कम मैग्नीट्यूड के भूकंप से अगर संरचनाएं बहुंत खराब ना हों तो कोई खास नुकसान नहीं करता है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली को भारत के भूकंप के नक्शे में जोन चार में रखा गया है। जोन चार और पांच में नुकसान की बड़ी आशंका वाले स्थानों को रखा गया है।
भूकंपों की आशंका के दायरे में ये इलाके
दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों को खतरनाक भूकंपों की आशंका के दायरे में रखा गया है। लेकिन अगर हिमालयी क्षेत्रों में बड़े भूकंप भी आएं तो दिल्ली अपनी भौगोलिक सेटिंग के चलते बड़े नुकसान से बच सकता है।
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