
ऑटो रिक्शा ड्राइवर मोजेस फ्रांसिस.
MP Coronavirus: मध्यप्रदेश में अब कुछ शर्तों के साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट को इजाजत मिल गई है. यात्री इसमें सुरक्षित कैसे रहें इसको लेकर कई लोग फिक्रमंद हैं. खुद ऑटो टैक्सी चलाने वाले भी ऐसे में कुछ नए प्रयोग हुए हैं राजधानी भोपाल में. कोरोना काल में ऑटो की भी सूरत बदली है, अब इसमें सैनिटाइजर की बोतल और मास्क रखने की सुरक्षित जगह है. ड्राइवर और मुसाफिर के बीच एक फ्रेम लगाकर उसे दो भागों में बांटा गया है, ताकि दोनों के बीच सुरक्षित शारीरिक दूरी बनी रहे. सैनिटाइजर का इस्तेमाल यात्री के जाने के बाद सीट को साफ करने के लिए किया जाता है. ऑटो में मास्क भी है यात्री के पास मास्क नहीं है तो वो खरीदकर इसे पहन सकते हैं.
ड्राइवर मोजेस फ्रांसिस अपने ऑटो को दिखाते हुए कहते हैं कि इसमें सैनिटाइजर है, सवारी बैठे तो हाथ साफ करके बैठे, बीच में शीट भी है ... हम भी सुरक्षित रहें वो भी सुरक्षित रहें.
#कोरोना काल में ऑटो की भी सूरत बदली है,अब इसमें #सैनिटाइजर की बोतल और #मास्क रखने की जगह है यात्री के पास मास्क नहीं है तो वो खरीद.सकते हैं ड्राइवर और मुसाफिर के बीच एक फ्रेम लगाकर उसे दो भागों में बांटा गया है, ताकि दोनों के बीच सुरक्षित शारीरिक दूरी बनी रहे @ndtvindiapic.twitter.com/ql5Hnm4ajT
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) June 5, 2020
वंदना दो महीने बाद घर से निकली हैं, कह रही हैं ऐसे ऑटो में बैठकर खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हैं. दो महीने बाद निकले हैं, बसें नहीं चल रहीं तो मुश्किल हो रही थी. अब इसमें सैनिटाइजर है .सेफ्टी के हिसाब से पैक किया हुआ है ... घर से बाहर निकले हैं ... काफी सेफ है ... हम दोनों सेफ हैं.
इस ऑटो को डिजाइन करने में लगभग 1000 रुपये का खर्च आया है. इसे डिजाइन करने वाले नीरज गुलाटी कहते हैं इसमें हमने पार्टीशन शीट लगाई, सैनिटाइजर फिक्स किया है अगर फेस मास्क नहीं है तो ड्राइवर दे देता है. मकसद यही था कि वायरस कंट्रोल कर सकें.

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 8500 पार पहुंच गया है. राजधानी भोपाल में 1800 के करीब. शहर अनलॉक होने लगे हैं, ऐसे में वायरस को लॉक करने के लिए सावधानी जरूरी है ताकि जान भी बचे जहान भी.