अभी-अभी यहां 40 छात्रों और शिक्षकों पर चाकुओं से किया गया हमला, मची खलबली

इस वक्त की बड़ी खबर चीन से आ रही है। यहां के प्राइमरी स्कूल में एक सुरक्षा गार्ड ने करीब 40 छात्रों और शिक्षकों पर चाकू से हमला कर दिया। चीन की सरकारी मीडिया ने इस खबर की पुष्टि की है।

Published by Aditya Mishra Published: June 4, 2020 | 2:14 pm
Modified: June 4, 2020 | 2:24 pm

बीजिंग: इस वक्त की बड़ी खबर चीन से आ रही है। यहां के प्राइमरी स्कूल में एक सुरक्षा गार्ड ने करीब 40 छात्रों और शिक्षकों पर चाकू से हमला कर दिया। चीन की सरकारी मीडिया ने इस खबर की पुष्टि की है।

सरकारी समाचार पत्र ‘चाइना डेली’ ने एक खबर में बताया कि यह घटना गुआंगशी प्रांत के एक स्कूल में हुई। हमले की पूरी डिटेल्स अभी आना बाकी है। पुलिस फिलहाल इस मामले की जांच में जुट गई है।

भारत हो रहा मजबूत: चीन अब दस बार सोचेगा हमले के लिए, तेजी चल रहा निर्माण

चीन में चाकुओं से हमले की बढ़ी घटनाएं

यहां बताते चलें कि चीन में पिछले कुछ वर्षों में चाकूओं से हमले की घटनाएं बढ़ी है। हमलवार किसी न किसी वजह से असंतुष्ट बताये जा रहे हैं। उन्हें लगता है कि ये विरोध दर्ज कराने का सबसे आसान तरीका है।

ये असंतुष्ट हमलावर अपना गुस्सा निकालने के लिए सार्वजनिक परिवहन के अलावा मुख्य रूप से किंडरगार्टन और प्राथमिक स्कूलों को निशाना बनाते हैं। लेकिन उन्हें पता कि इस आड़ में वे कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं। जिसका उन्हें भारी खमियाजा भी भुगतना पड़ेगा।

चीन ने दी अमेरिका की सीमित पैसेंजर फ्लाइट को इजाजत

भारत और चीन के बीच बीते एक महीने से लद्दाख के पास लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास तनाव की स्थिति बनी हुई है। सीमा विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत भी चल रही है। लेकिन चीन की गतिविधियां देखते हुए भारत हर तरह से सतर्क और किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहता है।

हवाई पट्टी का तेजी से किया जा रहा निर्माण

इसलिए लद्दाख के पास लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास भारत ने हवाई पट्टी के निर्माण को और तेज कर दिया है। इसके साथ ही बोफोर्स आर्टिलरी की तैनाती भी हो रही है।

NH-44 पर इमरजेंसी हवाई पट्टी

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के नजदीक यानी अनंतनाग के पास NH-44 पर इमरजेंसी हवाई पट्टी का निर्माण किया जा रहा है। जिससे किसी भी इमरजेंसी स्थिति में लड़ाकू विमानों या अन्य विमानों को उतारा जा सके।

चीनी माल का बहिष्कार करें या न करें…?