
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो).
केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह जहां रविवार को एक वर्चुअल रैली के माध्यम से बिहार में चुनावी शंखनाद करेंगे वहीं उनके सहयोगी जनता दल यूनाइटेड के भी अपने दूसरे चरण के चुनावी अभियान में खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी के नेताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीधा संवाद करेंगे.
नीतीश कुमार के कार्यक्रम के बारे में हालांकि विधिवत घोषणा नहीं की गई है लेकिन माना जा रहा है कि बुधवार शाम उन्होंने अपनी पार्टी के लोक सभा में संसदीय दल के नेता राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह और राज्यसभा में नेता आरसीपी सिंह के अलावा अपने मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री संजय झा और अशोक चौधरी के साथ विचार विमर्श कर एक कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया है. इसके अनुसार रविवार से ही हर दिन चार से पांच ज़िलों के अध्यक्ष , प्रखंड , पंचायत , बूथ अध्यक्ष से संवाद करेंगे. ये कार्यक्रम क़रीब छह से सात दिन चलेगा.
नीतीश कुमार इससे पूर्व पिछले महीने भी मंत्रियों , विधायकों , सांसदों , ज़िला अध्यक्ष और विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्षों के साथ अलग अलग कनेक्ट कर चुके हैं. इसमें उन्होंने कोरोना से सम्बंधित सरकार द्वारा किए गये कामों की जानकारी दी थी. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार को इस बात का केंद्र से संकेत मिल गया है कि चुनाव आयोग बिहार चुनाव समय पर कराने की कोशिश करेगा. जिसके बाद नीतीश कुमार चुनावी तेवर में आए हैं.
बुधवार को ज़िला और पंचायत प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान भी नीतीश कुमार का जो भाषण था उसमें काफ़ी हद तक चुनाव के दौरान श्रमिकों के मुद्दे पर वो अपना कैसे बचाव करने वाले हैं उसकी झांकी मिल गई थी. नीतीश ने इस संवाद के दौरान कहा था कि उनकी सरकार ने 8500 करोड़ से अधिक लोगों के खाते में ट्रांसफर किया है वहीं दूसरे राज्य से आ रहे श्रमिकों के ऊपर उनकी सरकार 5300 रुपये खर्च कर रही है.