
आज दोपहर को मुंबई के पास अलीबाग से टकराएगा निसर्ग
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
मौसम विभाग के मुताबिक बीती एक सदी में ये पहला चक्रवाती तूफ़ान (Cyclone Nisarga) है जो महाराष्ट्र के तट से टकराएगा. इससे पहले 1948 और 1980 में दो बार चक्रवाती तूफ़ान उठा था लेकिन वो तट से नहीं टकराया, समुद्र में ही कमज़ोर पड़ गया. अरब सागर में हवा के कम दबाव से बना चक्रवाती तूफान निसर्ग के 3 जून की दोपहर महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों में पहुँचने का अनुमान है. इसके लिए मुम्बई सहित सभी तटीय इलाकों में प्रशासन सतर्क है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चक्रवात निसर्ग को देखते हुए लोगों से अगले दो दिनों तक घरों में रहने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अगले दो दिनों तक भारी बारिश की आशंका है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि अपनी दवाएं अपने पास रखें, बैटरी को चार्ज करके रखें क्योंकि कहीं-कहीं बिजली काटनी पड़ सकती है.
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवाती तूफान के असर के दौरान हवा की रफ्तार 100 से 120 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है. इसके असर से मुम्बई, ठाणे, पालघर में तेज बारिश होगी. महाराष्ट्र के 750 किलोमीटर लंबे समुद्र किनारे के सभी ज़िलों में एनडीआरएफ की टीम की तैनाती कर दी गई है. संभावित नुकसान को देखते हुए 16 टीमों को तैनात कर दिया गया है. इसके अलावा, पांच अतिरिक्त टीमें भी बुलाई गई हैं. महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों समेत अन्य जगहों पर एनडीआरएफ की 30 से ज्यादा टीमें तैनात की गई हैं. एक टीम में 45 लोग हैं.
अनुमान है कि 3 जून की दोपहर निसर्ग दमन और रायगढ़ जिले में अलीबाग के पास हरिहरेश्वर तट को पार करेगा. इस दौरान तूफ़ानी हवाओं के साथ तेज़ बारिश होने की चेतावनी दी गई. मुम्बई सहित सभी तटीय इलाकों में प्रशासन सतर्क है. कच्चे मकान में रहने वालों को सुरक्षित जगहं पर ले जाने का अभियान तेज कर दिया गया है.
साइक्लोन निसर्ग के चलते मुंबई, इसके उपनगर और पड़ोसी जिले ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग को हाईअलर्ट पर रखा गया है. मछुआरों को समंदर से वापस बुलाया गया है. मछुआरों के समंदर में जाने पर रोक लगाई गई है. समंदर में करीब छह फीट ऊंची लहरें उठ सकती हैं.