
जम्मू-कश्मीर में नौकरशाह से नेता बने शाह फैसल (Shah Faesal) को जल्द ही रिहा किया जा सकता है. अधिकारियों के मुताबिक शासन ने उनके खिलाफ लगाया पब्लिक सेफ्टी एक्ट को हटा लिया है. अगस्त 2019 में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म किए जाने के बाद 2010 के आईएएस टॉपर को हिरासत में लिया गया था.
फरवरी में, उन्हें कड़े सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया था, जो तीन महीने तक के परीक्षण और कई एक्सटेंशनों के बिना नजरबंदी की अनुमति देता है.
अगस्त 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बाद घाटी के तमाम दिग्गज नेताओं को उनके घरों में ही नजरबंद कर दिया गया.
शाह फैसल ने एक फेसबुक पोस्ट में केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए लिखा था, 'घाटी में पुलिस की कार्रवाई से करीब 80 लाख लोग बंदी के समान रहने को मजबूर हो गए हैं. राज्य में इस तरह के हालात पहले कभी नहीं थे. जीरो ब्रिज से एयरपोर्ट तक कुछ ही वाहन दिख रहे हैं. सभी जगहें पूरी तरह से बंद हैं. मरीजों को छोड़कर किसी को भी आने-जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है.'