
देश मे निसर्ग चक्रवाती तूफान (Cyclone Nisarga) आने वाला है पर क्या आपको पता है कि इस तूफान का नाम निसरगा क्यों पड़ा? ये नाम बांग्लादेश ने दिया है. इससे पहले अम्फन तूफान आया था और वो नाम थाईलैंड ने दिया था. दरअसल हिन्द महासागर के क्षेत्र में आने वाले तूफान के नाम ये आठ देश मिलकर तय करते है. जिसमे भारत, मालदीव, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, ओमान, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल है. आठों देश 8-8 नाम देते है . तूफान का नाम एक सूचीबद्ध तरीके से दिया जाता है . ऐसा नही है जिस देश मे तूफान आ रहा है नाम भी उसी देश का हो. उदाहरण के लिये हाल ही में आये अम्फन नाम थाईलैंड ने दिया था लेकिन ये तूफान भारत और बांग्लादेश में आया था.
ऐसे ही निसरगा नाम बांग्लादेश का दिया हुआ है लेकिन ये तूफान गुजरात और महाराष्ट्र के समुद्री तट पर आ रहा है . ऐसे ही मई 2019 में तूफान फानी आया था . यह नाम बांग्लादेश का दिया हुआ है और तूफान आया पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आया. इसी तरह नवंबर 2019 में आया तूफान बुलबुल का नाम पाकिस्तान ने दिया है पर तूफान आया बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार में . तूफान के नाम को लेकर एक और दिलचस्प बात है कि पहले तूफान के नाम फीमेल होते थे पर 1979 से एक मेल और एक फीमेल रखा जाने लगा .
100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेगी हवा
अब भारत अरब सागर में उठे विकराल चक्रवाती तूफान 'निसरगा' का सामना करने के लिए तैयार है. एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने बताया कि यह एक विकराल तूफान है जिसमें हवा की रफ्तार 90 से 100 किलोमीटर तक जा सकती है. फिलहाल इस बात से राहत है कि इसकी रफ्तार अम्फान से कम होगी. वहीं मौसम विभाग जो इस तूफान पर लगातार नजर बनाए हुए, उसकी ओर कहा गया है कि 12 घंटे में यह एक विकराल चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा. यह तूफान को 3 जून को दोपहर के बाद महाराष्ट्र. गुजरात और दमन के तट से टकाएगा. महाराष्ट्र में इसका असर रायगढ़ में ज्यादा देखने को मिल सकता है.
उधर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिमी समुद्री तट की ओर बढ़ रहे चक्रवाती तूफान निसरगा के मद्देनजर गुजरात और महाराष्ट्र में की जा रही तैयारियों का सोमवार को जायजा लिया. इसके साथ ही उन्होंने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए हर संभव केंद्रीय मदद का भरोसा दिया.