
नई दिल्ली: कोरोना कॉल में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। फसलों में लगी लागत के हिसाब से किसानों को फायदा नहीं मिला है। किसानों के हित को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक जारी है। सूत्रों से मिले जानकारी के अनुसार कैबिनेट की बैठक में धान, कपास और मक्का सहित खरीफ फसल के मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) को मंजूरी देने की बड़ी संभावना है।
50,000 करोड़ रुपए की इक्विटी
बताया जा रहा है कि कैबिनेट MSME के आकार के साथ क्षमता के विस्तार के लिए फंड ऑफ फंड्स की बनाने की मंजूरी देने की घोषणा कर सकती है। इसके लिए सरकार 50,000 करोड़ रुपए की इक्विटी दे सकती है। फंड ऑफ फंड्स की स्थापना 10,000 करोड़ रुपए के फंड के साथ की जाएगी।
बता दें कि पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने कहा था कि सरकार ने फंड ऑफ फंड्स के जरिये एमएसएमई में 50,000 करोड़ का इक्विटी इन्फ्यूज़न करेगी। इससे एमएसएमई के आकार और क्षमता को बढ़ाने में सहायता मिलेगी। एमएसएमई को परिभाषित करने के लिये निवेश की सीमा को भी 25 लाख से 1 करोड़ कर दिया गया है।
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खरीफ की फसलों की MSP बढ़ाने की गई सिफारिश
कोरोना वायरस संक्रमण के बीच केंद्र सरकार किसानों को राहत देने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार खरीफ फसल की खरीदारी के लिए MSP बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स एंड प्राइसेज ने अपनी सिफारिशें सौंप दी थी। CAPC ने खरीफ की 17 फसलों की एमएसपी बढ़ाने की सिरफारिश की थी। इसमें धान की फसल सबसे प्रमुख है।
धान की एमएसपी में 53 रुपए प्रति क्विंटल की हो सकती है बढ़ोतरी
सीएसीपी ने धान ग्रेड ए की एमएसपी को 2.9 फीसदी बढ़ाकर 1888 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है। अगर सीएपीसी की सिफारिश को कैबिनेट की मंजूरी मिलती है तो धान की एमएसपी में 53 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हो जाएगी। वहीं सामान्य धान की MSP को 1815 रुपए से बढ़ाकर 1868 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है। इसी प्रकार कपास की MSP 260 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाने की सिफारिश की गई थी।
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शुगर सेक्टर पर भी हो सकती है बात
कैबिनेट की बैठक में अगर खरीफ फसलों की एमएसपी बढ़ाने को मंजूरी मिलती है तो कोरोना काल में किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। शुगर सेक्टर के लिए राहत पैकेज देने का प्रस्ताव कैबिनेट के एजेंडे में शामिल नहीं। अगर बैठक के दौरान प्रस्ताव पेश हो जाए तो अलग बात है।