
रमेश की मौत के बाद पुलिस ने गांव के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है
मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में बकरी चराने जैसी छोटी सी बात पर दो समुदायों के बीच हुई बहस ने हिंसक रूप ले लिया. भड़की हिंसा में कई लोग घायल हुए जिसमें 28 साल के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) कार्यकर्ता रमेश फूलमाली ने रविवार 31 मई को अस्पताल में दम तोड़ दिया. 18 मई को खंडवा जिले के हापला और दीपाला गांव के लोगों के बीच ये झड़प हुई थी. रमेश के मौत की खबर मिलते ही जिला प्रशासन एक्शन मोड में आ गया और पूरे गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया था.
13 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद रविवार को रमेश ने इंदौर के अस्पताल में दम तोड़ दिया. उनके शव को सोमवार को दाह संस्कार के लिए खंडवा में उनके गांव लाया गया, लेकिन कुछ देर तक गांववालों ने हत्यारों की गिरफ्तारी, मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग को लेकर अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया. हालांकि प्रशासन के समझाने पर वो अंतिम संस्कार के लिये तैयार हो गए. एक स्थानीय विश्व हिंदू परिषद (VHP) नेता नवनीत अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि रमेश की मौत दो समुदायों के बीच झड़प में नहीं हुई बल्कि वो पूर्व नियोजित भीड़ की हिंसा का शिकार बने. हालांकि पुलिस ने कहा है कि अब तक की जांच में कोई ऐसा तथ्य नहीं आया है.
A young #RSS worker who was admitted in hospital after the clash between two communities over the trivial issue of goat grazing in Khandwa has died #Lockdownextention@ChouhanShivraj@DGP_MP@OfficeOfKNath@RSSorg@ndtvindia@ndtvpic.twitter.com/UkO7IMZp0o
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) June 1, 2020
खंडवा के एसपी विवेक सिंह ने कहा, “22 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, उनमें से 19 को इस मामले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. शेष आरोपियों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है. रामनगर पुलिस चौकी के प्रभारी को मामले में ढिलाई के लिए जिला पुलिस लाइंस में अटैच कर दिया गया है. दो पक्षों के बीच विवाद हुआ था जिसमें दोनों ही पक्षों ने थाने में एफआईआर कराई थी.