योगी सरकार ने दिया बड़ा बयान, मनरेगा के तहत कार्य सूची में किए जाएं बदलाव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा कि देश में हमारे कामगार,श्रमिकों के लिए नि:शुल्क ट्रेनों का संचालन आगे भी तब तक जारी रहेगा, जब तक वापस आने के इच्छुक कामगार और श्रमिक प्रदेश लौट नहीं आते।

yogi ji

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लखनऊ: राज्य सरकार ने जिलाधिकारियों से कहा है कि मनरेगा के तहत कार्यसूची में भी बदलाव किया जाये ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बुनियादी ढांचा दिया जा सके। इसी सिलसिले में 11 लाख श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिए इंडियन इंड्रस्टीज एसोसियेशन (आईआईए), नरडेको (नेशनल रीयल एस्टेट डवलपमेंट काउंसिल), कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) और यूपी सरकार के बीच बड़ा करार किया जा रहा है। इसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा ।

मनरेगा को बनाया गया बड़ा माध्यम

मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों से लौट रहे श्रमिकों-कामगारों को रोजगार दिलाने के लिए ठोस पहल की है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने अलग से एक आयोग का गठन किया है। आयोग को इस बात की जिम्मेदारी दी गयी है कि वह प्रवासी मजदूरों की स्किल मैपिंग करके उनके रोजगार की व्यवस्था करें। इस बात का भी प्रयास किया जा रहा है कि मजदूरों को उनकी दक्षता के अनुसार काम दिया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को काम देने के लिए मनरेगा को एक बड़ा माध्यम बनाया गया है। केंद्र सरकार ने अभी जो 20 लाख करोड़ का पैकेज दिया है उसमें 40,000 करोड़ रुपये मनरेगा के लिए आवंटित किया गया है।

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श्रमिको के लिए निशुल्क ट्रेने

कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लॉकडाउन में भी प्रवासी मजदूरों को प्रदेश में वापस लाने का कार्यक्रम थमेगा नहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा कि देश में हमारे कामगार,श्रमिकों के लिए नि:शुल्क ट्रेनों का संचालन आगे भी तब तक जारी रहेगा, जब तक वापस आने के इच्छुक कामगार और श्रमिक प्रदेश लौट नहीं आते।

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ट्रेनों में कुल प्रवासी मजदूर

गौरतलब है कि देश में सबसे अधिक कामगार उत्तर प्रदेश में आए हैं। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में अब तक 1,500 से भी ज्यादा रेलगाड़ियों के ज़रिए 27 लाख से ज्यादा कामगारों को वापस लाया जा चुका है।गोरखपुर में अब तक 234 ट्रेनों से 2,99,861 कामगार , लखनऊ में 94 ट्रेनों के माध्यम से 1,22,179 लोग आए हैं। सीतापुर में 10, फतेहपुर में 8, फर्रूखाबाद में 02, कासगंज में 09, चंदौली में 13 ट्रेनें आ चुकी हैं। आजमगढ़ में 35, कन्नौज में 03, गाजीपुर में 31, बांदा में 16, सुल्तानपुर में 23, बाराबंकी में 12, सोनभद्र में 03, अम्बेडकरनगर में 23, हरदोई में 19 ट्रेनें आ चुकी हैं।

वाराणसी में 100, आगरा में 10, कानपुर में 17, जौनपुर में 110, बरेली में 12, बलिया में 66, प्रयागराज में 61, रायबरेली में 21, प्रतापगढ़ में 68 ट्रेनें आ चुकी हैं। इटावा मे एक , मानिकपुर (चित्रकूट) में एक , एटा में एक , जालौन में 2, रामपुर में एक , शाहजहांपुर में एक , अलीगढ़ में 6, भदोही में 2, मिर्जापुर में 10 ट्रेनें आ चुकी हैं। देवरिया में 93, सहारनपुर में 4, चित्रकूट में 3, पीलीभीत में एक , बलरामपुर में 19, मुजफ्फरनगर में एक, झांसी में 5 ट्रेनें आ चुकी हैं। कौशांबी, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, संत कबीर नगर, कुशीनगर, हमीरपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी में भी ट्रेनें आ रही हैं।

रिपोर्टर- श्रीधर अग्निहोत्री, लखनऊ

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