अपने ही अधिकारियों से कन्फर्म किए बिना बयान देकर फंसे सुशील मोदी, जानिए क्या है पूरा मामला

कांग्रेस पार्टी के विधान परिषद सदस्य प्रेम चंद्र मिश्रा ने राज्य के उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी के द्वारा कोटा से छात्रों- प्रवासियों को बिहार भेजने के संबंध में कांग्रेस के राजस्थान सरकार पे लगाए आरोप को अनर्गल और झूठ का पुलिंदा बताया.

अपने ही अधिकारियों से कन्फर्म किए बिना बयान देकर फंसे सुशील मोदी, जानिए क्या है पूरा मामला

बिहार सरकार ने घोषणा कर दी थी कि वह कोटा से आने वाले बच्चों का खर्च उठायेगी, (फाइल फोटो)

पटना:

कभी-कभी बयान देना महंगा पड़ जाता हैं, ख़ासकर जब आपने अपने फ़ैक्ट को ठीक से चेक नहीं किया हो. बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी यूं तो रोज़ बयान देते हैं, लेकिन उनका एक बयान उल्टा पड़ गया. दरअसल उन्होंने कोटा के छात्रों के बहाने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल को घेरने की कोशिश की थी, लेकिन वे खुद ही कांग्रेस पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ गए. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था, 'राजस्थान की सरकार ने जब कोटा में फंसे 18 हजार बिहारी छात्रों के ट्रेन का किराया देने से हाथ खड़ा कर दिया तब बिहार ने करीब एक करोड़ का भुगतान कर 16 विशेष ट्रेन के जरिए सभी को वापस लाया. इन छात्रों को वापस लाने के लिए कांग्रेस और आरजेडी के लोगों ने 3 हजार बसें व 500 ट्रेन देने का खोखला वायदा किया, मगर जब छात्रों को लाने की बारी आई तो वे लापता हो गए. अगर RJD-कांग्रेस के लोगों में नैतिकता बची हो तो उन्हें छात्रों को लाने से बच गई राशि को मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करा देना चाहिए.'

जहां से ट्रेन खुलती है, किराया की व्यवस्था करना उस राज्य की जिम्मेदारी
सुशील मोदी ने कहा कि 1200 विशेष श्रमिक ट्रेन के जरिए अब तक 15 लाख से ज्यादा प्रवासी बिहार आ चुके हैं. राजस्थान के कोटा से आने वाली ट्रेन के अलावा किसी भी अन्य दूसरे राज्यों से आने वाली ट्रेन के लिए बिहार सरकार को किराया जमा नहीं करना पड़ा है क्योंकि जहां से ट्रेन खुलती है, किराया की व्यवस्था करना उस राज्य की जिम्मेदारी है. राज्य सरकार का निर्णय है कि जिन श्रमिकों को किराया देना पड़ा है, क्वारंटाइन के बाद उन्हें उसका भुगतान किया जाएगा.

बिहार सरकार के अधिकारियों का कहना कुछ और
बिहार सरकार के अधिकारियों का कहना है कि सुशील मोदी ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर कर पेश किया है. उन्होंने कहा कि दरअसल राज्य सरकार ने ख़ुद से ये घोषणा कर दी थी कि वह कोटा से आने वाले बच्चों का खर्च उठायेगी. इसलिए राज्य सरकार ने कोटा के ज़िला प्रशासन से सारे डिटेल लेकर रेलवे के खाते में वो पैसा जमा किया. जबकि वहां के प्रशासन द्वारा ऐसी कोई मांग नहीं की गई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा के बाद ये चेक पटना ज़िला अधिकारी द्वारा जारी किया गया.

कांग्रेस ने सुशील मोदी को घेरा
कांग्रेस पार्टी के विधान परिषद सदस्य प्रेम चंद्र मिश्रा ने राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी  द्वारा कोटा से छात्रों- प्रवासियों को बिहार भेजने के संबंध में कांग्रेस के राजस्थान सरकार पे लगाए आरोप को अनर्गल और झूठ का पुलिंदा बताया है. उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने न सिर्फ कोटा से छात्रों को बल्कि जयपुर, जोधपुर, सीकर, अलवर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, भीलवाड़ा आदि स्थानों से कुल 59,381 बिहारी श्रमिकों को 42 श्रमिक ट्रेनों तथा अनेकों बसों के द्वारा अपने खर्चे से बिहार के विभिन्न स्थानों पर भेजा है. इसमे कांग्रेस नेता अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने अभी तक कुल 3,61,58,942 रुपये का खर्च का वहन किया है.

उन्होंने उप मुख्यमंत्री मोदी के द्वारा कहे कथन, "बिहार सरकार ने जब एक करोड़ का भुगतान किया तब राजस्थान सरकार ने ट्रेन परिचालन की अनुमति दी" को आधारहीन तथा हास्यास्पद बताते हुए पूछा कि रेलवे तो भारत सरकार द्वारा परिचालित होती है उसपर राजस्थान सरकार का आधिपत्य कब से हो गया? सुशील मोदी जी को बताना चाहिए.

उन्होंने कहा कि लोगों को पता है कि कोटा से छात्रों को वापस लाने या अन्य जगहों पर फंसे बिहारी प्रवासियों को लाने के
मामले में बिहार सरकार तो आरम्भ से ही आनाकानी कर रही थी और लोगों को ये भी याद है कि मोदी जी ने हाथ खड़े कर लिए थे और कहा था कि हमारे पास बसों का आभाव है और हम कोटा से छात्रों को नहीं ला सकते.

उन्होंने उप मुख्यमंत्री को झूठे और आधारहीन ट्वीट और बयानबाजी करने से परहेज करने की सलाह देते हुए कहा कि उन्हें तो राजस्थान सहित कांग्रेस शासित सभी राज्यों का, सभी प्रदेश कांग्रेस कमिटी को सहयोग के लिए धन्यवाद देना चाहिए. क्योंकि ना  सिर्फ राजस्थान बल्कि पंजाब और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारों के अतिरिक्त गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के खर्चे से कई ट्रेन सूरत, भरूच, वर्धा, नागपुर, मुम्बई, रायपुर, हैदराबाद, लुधियाना से हजारों श्रमिकों को बिहार भेजने का काम हुआ है तथा युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास के द्वारा भी अपने खर्चे से ट्रांसपोर्ट के विभिन्न साधनों के द्वारा हजारों प्रवासियो को बिहार भेजने तथा उन्हें दिल्ली में कई प्रकार के सहयोग देने का काम किया गया है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी से लॉकडाउन में प्रवासियो को लेकर सवाल करने वाले सुशील मोदी जी को बताना चाहिए कि उनकी पार्टी बीजेपी तथा उनके सहयोगी पार्टी जेडीयू द्वारा कितने प्रवासियो को अपने खर्चे से बिहार लाया गया?

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा - दूर राज्यों से बस में लाना व्यावहारिक नहीं

 
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