
ग्रेटर नोएडा के सुपरटेक इकोविलेज हाउसिंग कॉम्पलेक्स को अब सील कर दिया गया है.
खास बातें
- एक परिवार में 3 मरीज निकले
- सुपरटेक इकोविलेज हाउसिंग कॉम्पलेक्स सील
- लोगों ने पूरा कॉम्पलेक्स सील करने का किया था विरोध
कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन के खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे और इससे जुड़ी मुसीबतें भी जल्दी खत्म होती नहीं दिख रही. दिल्ली-नोएडा जैसे शहरों में सबसे बड़ी मुसीबत नए-नए बनते कंटेनमेंट ज़ोन और सील होती बिल्डिंगें हैं. दिल्ली-ग्रेटर नोएडा के बॉर्डर पर एक बिल्डिंग को सील करने के दौरान पुलिस को तब नाकों चने चबाने पड़ गए, जब
इस रेंजिडेशियल कॉम्प्लेक्स के लोगों ने सीलिंग का जोरदार विरोध करना शुरू कर दिया. पुलिस को लोगों को मनाने के लिए लंबी बातचीत करनी पड़ी. यहां तक कि पुलिस को लोगों के सामने अपनी मुसीबतें तक गिनानी पड़ीं, जिसके बाद लोग माने.
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दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा के हाउसिंग कॉम्पलेक्स सुपरटेक इकोविलेज को सोमवार रात तब सील हो गया, जब यहां पर एक परिवार के तीन लोग कोविड-19 से संक्रमित निकले. संक्रमण सामने आने के बाद पुलिस ने बस मरीजों वाली बिल्डिंग के बजाय पूरे कॉम्पलेक्स को सील करने का फैसला लिया. जिसके बाद यहां रह रहे लोगों ने इसका विरोध करना शुरू किया. उनका कहना था कि पुलिस को बस मरीजों वाली बिल्डिंग सील करनी चाहिए, न कि पूरा कॉम्पलेक्स.
इस घटना के दौरान का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में पुलिस के अधिकारी हाउसिंग कॉम्पलेक्स के गेट के बाहर खड़े हैं और लोगों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं.
वीडियो से पता चला रहा है कि लोग कह रहे हैं कि कई लोगों के ऑफिस खुल गए हैं और उन्हें अब ऑफिस जाना होता है.
इसपर एक पुलिस अधिकारी ने माइक्रोफोन से जवाब दिया, 'हम आपके सामने खड़े हैं. हम भी अपना काम कर रहे हैं. ये सरकारी काम है. हम 24 घंटे काम करते हैं और हमें 12 घंटों की पगार मिलती है. अगर आपको इसपर बहस करनी है तो बाहर आइए.'
वीडियो में एक आदमी की आवाज आती है, 'सर हम भूखों मर जाएंगे.'
इस पर पुलिस अधिकारी का जवाब आता है, 'आप डीएम से बात कर सकते हैं. हमने मजदूरों तक को भूखों नहीं मरने दिया.'
गुस्से से भरे लोगों को मनाने में प्रशासन को काफी वक्त लग गया. कई राउंड की बातचीत होने पर आखिरकार लोग माने और सुपरटेक इकोविलेज को अब पूरी तरह सील कर दिया गया है.
बता दें कि गौतमबुद्ध नगर में अबतक 359 कोरोनवायरस के केस आए हैं. जिला प्रशासन ने राज्य सरकार की ओर से दिल्ली-नोएडा और दिल्ली-गाज़ियाबाद बॉर्डर को खोलने की स्वतंत्रता देने के बावजूद बॉर्डर को सील रखा है. इसके पहले गाज़ियाबाद-दिल्ली बॉर्डर को खुला रखा गया था, लेकिन अचानक से गाज़ियाबाद में केस बढ़ने से सोमवार को यह बॉर्डर भी सील कर दिया गया है.