NDTV Exclusive: चीन ने लद्दाख के पास किया एयरबेस का विस्तार, टरमैक पर दिख रहे लड़ाकू विमान

एयरबेस यह नगारी कुंशा एयरपोर्ट पर है जो कि पैंगयोंग लेक से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर तिब्बत में स्थित है. गौरतलब है कि पिछले कुछ समय में लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के बीच तनाव की स्थ‍िति है.

नई दिल्ली:

चीन ने लद्दाख के पास अपने एयरबेस का विस्तार कर लिया है. NDTV को मिली एक्सक्लूसिव तस्वीरों ये साफ देखा जा सकता है. तस्वीरों में एयरबेस के टरमैक पर लड़ाकू विमानों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. बता दें कि यह एयरबेस यह नगारी कुंशा एयरपोर्ट पर है जो कि पैंगयोंग लेक से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर तिब्बत में स्थित है. गौरतलब है कि पिछले कुछ समय में लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के बीच तनाव की स्थ‍िति है.

6 अप्रैल 2020 की सैटेलाइट तस्वीर में इस एयरपोर्ट और रनवे को देखा जा सकता है. लेकिन 21 मई 2020 की तस्वीरों में काफी कुछ बदला हुआ देखा जा सकता है. नई तस्वीर में बड़े पैमाने पर एयरबेस के निर्माण की गतिविध‍ियां दिखाई दे रही हैं.

नई तस्वीर में एक नया ट्रैक भी दिख रहा है जो एक समानांतर टैक्सी ट्रैक हो सकता है. या हो सकता है कि इस ऊंची जगह पर हेलीकॉपटर के लिए इस जगह का निर्माण किया गया हो.

एक अन्य तस्वीर है जो भारत के लिए चिंता का विषय हो सकती है. इस तस्वीर में इस एयरबेस पर 4 लड़ाकू विमान खड़े दिख रहे हैं. ये या तो J-11 या J-16 हो सकते है जो रूसी सुखोई-27 या सुखोई-30 के वैरिएंट हैं.

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास कई क्षेत्रों में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव की स्थिति बरकरार है और 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद यह सबसे बड़ी सैन्य तनातनी का रूप ले सकती है. उच्च पदस्थ सैन्य सूत्रों का कहना है कि भारत ने पैंगोंग त्सो और गलवान घाटी में अपनी स्थिति मजबूत की है. इन दोनों विवादित क्षेत्रों में चीनी सेना ने अपने दो से ढाई हजार सैनिकों की तैनाती की है और वह धीरे-धीरे अस्थायी निर्माण को मजबूत कर रही है.

 
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