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भारतीय रेल ने देश में अगले दस दिन में दो हज़ार छह सौ और श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियां चलाने का फैसला किया है। इससे विभिन्न स्थानों पर फंसे छत्तीस लाख लोगों को राहत मिलेगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी.के. यादव ने कहा कि पहली मई से अब तक 45 लाख से अधिक लोग अपने-अपने गृह राज्य पहुंच चुके हैं। रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान फंसे कामगारों, पर्यटकों, श्रद्धालुओं, विद्यार्थियों और अन्य लोगों को विभिन्न स्थानों पर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू किया था।
श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियां संबंधित दोनों राज्य सरकारों के अनुरोध पर गंतव्य स्थलों तक चलाई जा रही हैं। रेलवे और राज्य सरकारों ने समुचित समन्वय और परिचालन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है।
श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों के अलावा रेल मंत्रालय ने इस महीने की बारह तारीख से पन्द्रह जोड़ी विशेष ट्रेनों का परिचालन भी शुरू किया है और अगले महीने की पहली तारीख से दो सौ रेल सेवाएं शुरू करने की घोषणा की है।
इस वर्ष पहली अप्रैल से बाईस मई के बीच रेलवे ने सत्तानवे लाख टन से अधिक खाद्यान्न एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया है और राष्ट्रव्यापी पूर्णबंदी के दौरान आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित की है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि तीन हज़ार दो सौ पचपन पार्सल रेलगाड़ियों से चिकित्सा सामग्री और उपकरण, खाद्यान्न, दूध और दुग्ध उत्पाद जैसी वस्तुओं की आपूर्ति की गई है। श्री यादव ने कहा कि रेलवे ने पूर्णबंदी के दौरान ज़रूरतमंद लोगों को सैंतालीस लाख से अधिक भोजन पैकेट नि:शुल्क उपलब्ध कराए हैं।
श्री यादव ने बताया कि रेलवे ने वर्कशॉप में एक लाख चालीस हज़ार लीटर सैनिटाइजर और एक लाख बीस हज़ार व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण बनाए हैं।