
वैशाली में इस तरह की दूसरी घटना है.
कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच सरकारें कितनी भी कोशिश कर लें कि आम जनता को तकलीफ न होने पाए, लेकिन कुछ अधिकारियों और जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों की वजह से मानवता भी शर्मसार हो जा रही है. बिहार के वैशाली जिले के दिग्घी स्थित बालिका छात्रावास में बने क्वरंटाइन सेंटर में एक शख्स ने आत्महत्या कर ली. उसकी रिपोर्ट में कोरोना का संक्रमण आया था. लेकिन इससे बाद प्रशासन का जो रवैया सामने आया वह हैरान कर देने वाला था.
यह भी पढ़ें
Coronavirus: शव में कितने समय तक जिंदा रहता है कोरोना, AIIMS के डॉक्टर करेंगे रिसर्च!
Bihar Board BSEB 10th Result 2020 Live Updates: आज शाम तक आ जाएगा बिहार बोर्ड 10वीं का रिजल्ट, इस Direct Link से कर पाएंगे चेक
बिहार: श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आए मजदूरों के लिए प्लेटफॉर्म पर ही रख दिए गए खाने के पैकेट्स, मच गई धक्का-मुक्की, देखें VIDEO
प्रशासन ने शव को कोनहारा घाट पर अन्तिम संस्कार के लिये कन्हाई मलिक नाम के शख्स को 1500 रुपये देकर पल्ला झाड़ लिया. उस शख्स ने भी शव को अधजली हालत में छोड़कर भाग निकला. आज सुबह जब आस-पास के ग्रामीणों ने शव को कुत्तों द्वारा खाते देखा तो उन लोगों ने इसकी सूचना प्रशासन और मीडिया को दी. इसके बाद आनन-फानन पुलिस की टीम वहां पहुंची.
लेकिन आपको बता दें कि मानवता को शर्मशार कर देने वाली ऐसी घटना वैशाली जिले में पहले भी हो चुकी है. पिछली बार एक चोर की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी जिसके शव को भी प्रशासन ने ऐसे ही पानी में फें0कवा दिया था. उसके भी कुत्तों के नोच-नोच कर खाने की घटना सामने आई थी. मृत युवक वैशाली जिले के पटेढ़ी बेलसर रामपुर गाँव का वीरेंद्र महतो का पुत्र राजेश महतो है,जो कि दिल्ली से यूपी के बलिया आया और वहाँ से पैदल हाजीपुर आया था जहाँ से उसे सेंटर में भर्ती कराया गया था।