कोविड-19 के मरीजों की स्वस्थ होने की दर बढकर 38 प्रतिशत से ज्यादा

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने जांच की संशोधित कार्यनीति जारी की

AMN

देश में कोविड-19 रोगियों के ठीक होने की दर 38 दशमलव दो नौ प्रतिशत हो गई है। स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने कहा है कि कोविड-19 संक्रमण से कुल 36 हजार 824 रोगी स्‍वस्‍थ हो गये हैं, जबकि तीन हजार उनतीस लोगों की मृत्यु हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान दो हजार 715 रोगी स्‍वस्‍थ हुए हैं। प्रत्येक एक लाख की आबादी पर भारत में संक्रमित लोगों की संख्या करीब सात दशमलव एक रही है जबकि विश्व में एक लाख की आबादी पर लगभग साठ लोग संक्रमित हैं।

स्पेन में एक लाख की जनसंख्या पर चार सौ चौरानवें, अमरीका में चार सौ इकतीस, इटली में तीन सौ बहत्तर, जर्मनी में दो सौ दस, ब्रिटेन में 361 और फ्रांस में 209 लोग संक्रमित हैं। रूस में एक लाख की आबादी पर 195 लोग संक्रमित हुए हैं। तुर्की में 180, ईरान में 145 और ब्राजील में एक लाख की आबादी पर 104 लोग नोवेल कोरोना वायरस से संक्रमित हुए।

केंद्र सरकार कोविड-19 पर नियंत्रण, रोकथाम और प्रबंधन के लिए अत्यधिक सक्रिय नीति सहित विविध प्रकार का दृष्टिकोण अपना रही है। कोविड-19 प्रबंधन के प्रयासों की उच्च स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा और निगरानी की जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रेड, ओरेंज और ग्रीन जोन की श्रेणियों के लिए राज्यों को नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इनके अनुसार राज्यों से जिलों, नगर निगमों, उपमंडल और वार्ड या किसी अन्य प्रशासनिक इकाई को वास्तविक आकलन के आधार पर रेड, ओरेंज और ग्रीन जोन की श्रेणी आवंटित करने को कहा गया है।

राज्यों को कुल सक्रिय मामलों, एक लाख की आबादी पर सक्रिय मामलों, रोगियों की संख्या दोगुनी होने की दर, मृत्यु दर, जांच के अनुपात और जांच की पुष्टि की दर के मानदंडों के आधार पर यह श्रेणी तय करनी होंगी। राज्यों से कंटेनमेंट जोन में नियंत्रण योजनाओं का सख्ती से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है।

कंटेनमेंट जोन में विशेष टीमों द्वारा घर घर सर्वेक्षण के जरिए मामलों की सक्रिय तलाश, नमूना दिशा निर्देशों के अनुसार सभी मामलों की जांच, संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए लोगों का पता लगाने, संक्रमण की पुष्टि वाले सभी मामलों के क्लिनिकल प्रबंधन को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में सक्रिय सामुदायिक साझेदारी का भी परामर्श दिया गया है। प्रत्येक कंटेनमेंट जोन में एक बफर जोन की पहचान भी का जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आसपास के क्षेत्रों में संक्रमण न फैले।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने कोविड-19 जांच की संशोधित कार्यनीति जारी की है। पिछले 14 दिन में अंतर्राष्ट्रीय यात्रा करने वाले ऐसे सभी व्यक्तियों की जांच की जाएगी, जिनमें संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे हों। प्रयोगशाला में संक्रमण की पुष्टि वाले मरीजों के सम्पर्क में आए और संक्रमण के लक्षण वाले सभी व्यक्तियों की भी जांच की जाएगी। परिषद की नई कार्यनीति के अनुसार कोविड-19 पर नियंत्रण के कार्य से जुड़े उन सभी डॉक्टरों और अन्य कर्मियों की जांच की जाएगी, जिनमें संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे हों। सांस की गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों की भी कोविड-19 जांच की जाएगी।

पांचवें दिन से दसवें दिन के बीच संक्रमित व्यक्ति के सीधे सम्पर्क में आए ऐसे व्यक्तियों की भी जांच की जाएगी, जिन्हें ज्यादा जोखिम की आशंका है और संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं।

हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट जोन में सांस की गंभीर बीमारी, 38 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बुखार और खांसी से पीड़ित उन सभी व्यक्तियों की भी जांच की जाएगी, जिनमें संक्रमण के लक्षण नजर आ रहे हैं। अस्पताल में भर्ती रोगियों में संक्रमण के लक्षण दिखने पर कोविड-19 की जांच की जाएगी। वापस लौट रहे सभी ऐसे व्यक्तियों और प्रवासियों की बीमारी के सात दिन के अंदर कोविड-19 जांच की जाएगी, जिनमें संक्रमण के लक्षण दिख रहे हैं। जांच के अभाव में किसी भी आपात प्रक्रिया में देरी नहीं की जाएगी।