
सीबीआई ने सरबरेस नाम का सॉफ्टवेयर को लेकर सचेत किया है
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक अहम चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि सरबरेस नाम का सॉफ्टवेयर, कोविड-19 से संबंधित जानकारी देने के नाम पर लोगों के क्रेडिट कार्ड जैसे वित्तीय डेटा चोरी कर रहा है. जांच एजेंसी ने इंटरपोल इनपुट के आधार पर यह चेतावनी दी है. सीबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "सीबीआई ने राज्यों/ केद्रशासित प्रदेशों/ केंद्रीय एजेंसियों को एक दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर के खतरे के बारे में सचेत कर रहा है जो जो कोरोनावायरस महामारी से संबंधित अपडेट का उपयोग करता है." ट्रोजन वायरस टेक्स्ट मैसेज के जरिये स्मार्टफोन यूजर्स से संपर्क करता है और यह बताते हुए उस लिंक पर क्लिक करने के लिए कहता है जो COVID-19 के बारे में अपडेट करेगी. जब इस लिंक क्लिक किया जाता है तो यह लिंक फोन पर एक दुर्भावनापूर्ण एप्लिकेशन (Malicious Application) इंस्टॉल करता है जो संवेदनशील वित्तीय डेटा की चोरी कर लेता है. ट्रोजन एक ऐसा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो दिखने में तो सही लगता है, लेकिन यदि इसे चलाया जाता है तो इसके नकारात्मक प्रभाव होते हैं और इसका इस्तेमाल हैकर कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें
23 साल की उम्र में सुमन कुमार हुए थे CBI में शामिल, इनके आगे लंदन कोर्ट में भगोड़े विजय माल्या की एक न चली
6 बैकों को 400 करोड़ रुपये का चूना लगाकर चावल व्यापारी देश छोड़कर भागा, संपत्ति भी बेच डाली, SBI मलती रह गई हाथ
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी व अन्य के खिलाफ ट्रायल 31 अगस्त तक पूरा हो : सुप्रीम कोर्ट
जांच एजेंसी ने कहा है "INTERPOL से मिले इनपुट्स के आधार पर, CBI ने सरबरेस के नाम से जाने गए बैंकिंग ट्रोजन से संबंधित अलर्ट जारी किया है. यह दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर COVID-19 महामारी का लाभ उठाता है और COVID-19 संबंधित सामग्री को डाउनलोड करने के लालच का उपयोग कर एसएमएस भेजता है. एम्बेडेड दुर्भावनापूर्ण लिंक (Embedded Malicious Link) अपने दुर्भावनापूर्ण ऐप को दिखाता है. अधिकारियों के अनुसार सरबेरस नामक बैंकिंग ट्रोजन के माध्यम से कोविड-19 महामारी का फायदा उठाकर यूजर को ऐसे लिंक डाउनलोड करने के लिए SMS भेजे जाते हैं जिनमें हैक करने वाले सॉफ्टवेयर हैं.
ट्रोजन डाउनलोड करने पर यह क्रेडिट कार्ड नंबर जैसे वित्तीय डेटा की चोरी कर सकता है. इसमें आगे कहा गया है, 'यह ट्रोजन मुख्य रूप से क्रेडिट कार्ड नंबर जैसे वित्तीय डेटा चोरी करने पर केंद्रित है. चुराए गए डेटा का उपयोग समझौता किए गए क्रेडिट कार्ड से अनधिकृत लेनदेन के लिए किया जा सकता है. गौरतलब है कि इससे पहले सीबीआई के इंटरपोल डिवीजन ने 7 अप्रैल को अस्पतालों और स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों पर साइबर हमले के बारे में चेतावनी देते हुए देशभर के पुलिस विभागों को सलाह दी थी. इसमें कहा गया था, "साइबर अपराधियों ने अस्पतालों और चिकित्सा सेवाओं को डिजिटल रूप से बंधक बनाने के लिए रेंसमवेयर का उपयोग कर रहे हैं.