प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर योगी सरकार Vs प्रियंका गांधी, 5 चिट्ठियां और 'धोखा', 10 अहम बातें

कोरोना संकट की वजह से बने हालात के चलते लगातार पलायन कर रहे मजदूरों के मुद्दे पर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार और कांग्रेस पार्टी आमने सामने आ गई हैं.

लखनऊ: कोरोना संकट की वजह से बने हालात के चलते लगातार पलायन कर रहे मजदूरों के मुद्दे पर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार और कांग्रेस पार्टी आमने सामने आ गई हैं. मजदूरों के मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी सरकार के सामने 1,000 बसों के जरिए प्रवासी मजदूरों को लाने का प्रस्ताव रखा था. जिस पर राज्य सरकारा द्वारा इन बसों और ड्राइवरों की लिस्ट मांगी गई थी. अब योगी सरकार का कहना है कि कांग्रेस का यह प्रस्ताव एक धोखा है. योगी सरकार ने दावा किया है कि जो लिस्ट कांग्रेस पार्टी ने सौंपी है उसमें ऑटो रिक्शा, टू व्हीलर और माल ले जाने वाले अन्य वाहनों के नंबर हैं. 

कांग्रेस और योगी सरकार के बीच चल रही इस पूरी कहानी को 10 प्वॉइंट में समझिए

  1. यूपी सरकार ने सोमवार (18 मई) को प्रियंका गांधी वाड्रा के उस आग्रह को स्वीकार किया था जिसमें उन्होंने 1,000 बसों के जरिए प्रवासी मजदूरों को लाने की अनुमति मांगी थी. कांग्रेस नेता ने ट्विटर पर वीडियो शेयर कर यह आग्रह किया था. इसके बाद यूपी सरकार ने पत्र द्वारा कांग्रेस नेता के कार्यालय से इस विषय पर बसों की जानकारी भी मांगी थी. 

  2. इस मामले में पेंच तब फंसा जब यूपी सरकार के एक उच्च अधिकारी ने देर रात प्रियंका गांधी को लिखे पत्र में पूछा कि क्या सभी बसें सुबह तक लखनऊ पहुंच जाएंगी?

  3. कांग्रेस पार्टी ने देर रात करीब 2.10 मिनट पर इसका तुरंत जवाब दिया. प्रियंका गांधी वाड्रा के पीएस संदीप सिंह ने इसे राजनीति से प्रभावित बताते हुए सवाल उठाया, 'इन बसों को राज्य की सीमा से लखनऊ तक खाली क्यों लाया जाए ?'

  4. करीब एक घंटे बाद, यूपी सरकार ने कांग्रेस नेता को एक और पत्र लिखा, इस बार यूपी सरकार ने अपने पुराने निर्देश में कुछ संशोधन किया. इस पत्र में मांग की गई कि 500 बसें गाजियाबाद और 500 बसें नोएडा से सटी दिल्ली सीमा पर पहुंचे.

  5. यूपी सरकार ने डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को भी आदेश दिए कि इन बसों को सभी दस्तावेजों की जांच के बाद जल्द से जल्द उपयोग में लाया जाए.

  6. प्रियंका गांधी के ऑफिस ने यूपी सरकार को फिर लिखा कि बसें शाम 5 बजे से पहले नहीं पहुंच सकती हैं क्योंकि परमिट में ज्यादा समय लग सकता है. इस पत्र में आगे लिखा था, 'यह एक ऐतिहासिक पल होगा जब कांग्रेस और यूपी सरकार राजनीतिक मतभेद भुलाकर मानवता के लिए सहयोग करेंगे.'

  7. यह सहयोग अब राजनीतिक खींचतान में तब्दील हो गया. यूपी सरकार ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जिन बसों के नंबरों की लिस्ट सौंपी है उसमें टू व्हिलर और ऑटो के नंबर हैं. यूपी सरकार के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, 'हमनें प्राथमिक जांच में ये पाया है कि जिन बसों के नंबर उन्होंने भेजे थे उनमें से कई ऑटो रिक्शा, टू व्हीलर और माल ले जाने वाले अन्य वाहनों के नंबर हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है, प्रियंका गांधी को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने ऐसा धोखा (फ्रॉड) क्यों किया? 

  8. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय लल्लू ने इन आरोपों को निराधार बताया उन्होंने कहा, 'यह सरकार लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है. जानबूझकर गलत नंबर डालकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं.'

  9. इस राजनीतिक तकरार के बीच कोरोनोवायरस लॉकडाउन कारण विभिन्न शहरों में फंसे मजदूर अभी तक घर जाने के लिए परेशान हैं.

  10. दरअसल, कोरोनावायरस लॉकडाउन के चलते पैदल ही अपने घरों के लिए जा रहे मजदूरों के साथ हो रही दुर्घटनाओं के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विटर पर वीडियो जारी कर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से अपील की थी. बता दें कि शनिवार (16 मई) को यूपी को औरैया में हुए एक ट्रक एक्सिडेंट में 26 मजदूरों की मौत हो गई थी. जिसके बाद यूपी के सीएम ने मजदूरों के पैदल, साइकिल और ट्रकों के जरिए अपने घर जाने पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद राज्य की सीमा पर मजदूरों की भीड़ लग गई.



 
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