
गोरखपुरः इसे जिला और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही न कहें तो और क्या कहें? स्वास्थ्य विभाग ने नाम की गफलत में निगेटिव रिपोर्ट वाले युवक को बीआरडी मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में संक्रमित मरीजों के बीच भर्ती कर दिया।
वहीं कोरोना पॉजिटिव को टीवी अस्पताल के क्वॉरेंटाइन सेंटर में संदिग्ध मरीजों के बीच रख दिया गया। कोरोना वार्ड में भर्ती होने के बाद निगेटिव रिपोर्ट वाले युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर इसे बड़ी लापरवाही मानते हुए गोरखपुर के कमिश्नर ने सीएमओ और स्वास्थ्य विभाग की टीम को फटकार लगाई है।
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गोरखपुर के कमिश्नर जयंत नार्लीकर से जब इस बारे में सवाल किया गया, कि आखिर इसे वे कितनी बड़ी चूक मानते हैं कि निगेटिव युवक को कोरोना वार्ड में संक्रमित मरीजों के बीच रख दिया गया, जिसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई और पॉजिटिव को टीवी अस्पताल के क्वारेंटाइन सेंटर में रख दिया गया, जिससे संदिग्ध मरीजों के बीच संक्रमण का खतरा बढ़ गया।
इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ये नहीं कहा जा सकता है कि इस चूक की ही वजह से संदिग्ध युवक पॉजिटिव हुआ है। क्योंकि कोरोना के लक्षण तुरंत नहीं दिखाई देते हैं और न ही रिपोर्ट में तुरंत पता चलते हैं।
हालांकि उन्होंने कहा कि उन्होंने देखिए ये कहना बिल्कुल सही नहीं होगा कि वो वहां पर गया था, इसलिए पॉजिटिव निकल गया। उसका पहले से सैम्पल लिया गया था। हालांकि इस मामले में उनकी ओर से एक जांच बैठा दी गई है। उसकी जांच की रिपोर्ट शाम तक आ गई है। उन्होंने कड़ी चेतावनी दे दी है कि इस तरह की गलतियां बिल्कुल न हो। नाम को लेकर इस तरह की त्रुटियां हुई थी।
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लेकिन वायरस लोड लेने में कभी-कभी टाइम लगता है। जरूरी नहीं है कि पहले दो दिन में ही उसका पॉजिटिव आ जाए। जो उसकी रिपोर्ट आई है, उसके हिसाब से हम कार्रवाई कर रहे हैं। कोरोना पॉजिटिव को टीवी अस्पताल भेजने के मामले में उन्होंने कहा कि इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी, ये सुनिश्चित करते हैं।
निगेटिव युवक को कोरोना वार्ड में कराया भर्ती
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से गोरखपुर के बेलघाट के जिस निगेटिव युवक को कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया था, वह अब कोरोना पॉजिटिव हो गया। रविवार को उसकी दोबारा हुई जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है। उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही उसे टीबी अस्पताल में ही अलग कमरे में शिफ्ट कर दिया गया है। गुरुवार को चार की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
नाम के चक्कर में हो गयी चूक
मिलते-जुलते नाम के चलते एक निगेटिव व्यक्ति को मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में भर्ती करा दिया गया था और पॉजिटिव टीबी अस्पताल के क्वॉरंटाइन सेंटर में ही रह गया था। 20 घंटे बाद जब स्वास्थ विभाग को अपनी चूक का अहसास हुआ, तो निगेटिव को पुनः टीबी अस्पताल में क्वॉरंटाइन कराया गया और पॉजिटिव को मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया था।
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तीन संक्रमितों के साथ एंबुलेंस में बैठ कर वार्ड तक गया-
निगेटिव रहा युवक गुरुवार को केवल कोरोना वार्ड में ही नहीं गया, बल्कि तीन संक्रमितों के साथ एंबुलेंस में बैठ कर वार्ड तक गया था। वह शुक्रवार की शाम को बीआरडी से वापस लौटा। इसके बाद से ही उस पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा था। आइसोलेशन वार्ड में भेजे गए युवक को इस खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शनिवार को दोबारा उसका सैंपल जांच के लिए भेजा।
जांच रिपोर्ट आने के पहले वह व्यक्ति छह बेड कमरे में क्वारंटीन था। जांच रिपोर्ट आने के तत्काल बाद उसे तीन बेड वाले रूम में शिफ्ट कर दिया गया। आज उसे बीआरडी मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में भेज दिया गया है।
14 ट्रकों का चालान किया गया
गोरखपुर के कमिश्नर जयंत नार्लीकर नेे ट्रकों से जीरो प्वाइंट से मजदूरों को भरकर देवरिया होते हुए बिहार ले जाने वालों को बसों में नहीं भेजने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ट्रकों के ऊपर बैठकर अब लोग नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बाहर से लोग ट्रकों के ऊपर बैठकर आ रहे हैं, ये सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि लगातार ऐसे वाहनों का चालान किया जा रहा है। 14 ट्रकों का चालान किया गया है। पूरा प्रदेश पार करके ट्रक से लोग आ जाएंगे रोक के बाद ये सही नहीं है। यदाकदा केस मिल रहे हैं, तो जल्द ही वे भी देखने को नहीं मिलेंगे।
रिपोर्ट: गौरव त्रिपाठी
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