
जालंधर। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और कैप्टन सरकार में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के पिता गुरदास सिंह बादल का गुरुवार की देर रात निधन हो गया । गुरदास बादल 88 वर्ष के थे और और लंबे समय से शुगर गुर्दा और दिल के रोगों से ग्रसित थे।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के भाई गुरदास सिंह का निधन
88 वर्षीय गुरदास सिंह बादल को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। वहां पर उन्हें सीसीयू में रखा गया था। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने सोमवार को ही कहा था कि उनके पिता की हालत अत्यंत गंभीर है और उनके बचने की उम्मीद ना के बराबर है।
वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के पिता के थे पिता
बता दें कि गुरदास बादल की पत्नी हरमिंदर कौर बादल का पिछले महीनों निधन हो गया था। हरमिंदर कौर बादल लंबे समय से सिर के कैंसर से ग्रसित थींं। गुरदास सिंह बादल पांचवीं लोकसभा फाजिल्का से शिरोमणि अकाली दल के सांसद भी रहे हैं।
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इन नेताओं ने जताया शोक
गुरदास बादल के निधन पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, बठिंडा की सांसद और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ सहित विभिन्न नेताओं ने गुरदास बादल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
Deeply saddened to learn of the passing away of S. Gurdas Singh Badal. Join my colleague Manpreet Badal and the family in this moment of grief. May the Almighty grant liberation to the departed soul. Rest in peace! pic.twitter.com/xmC11EOv9z
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) May 15, 2020
लंबे समय से बीमार से ग्रसित थे गुरदास सिंह बादल
गौरतलब है कि पिछले दिनों गुरदास बादल का हाल जानने के बाद अस्पताल से बाहर आकर मीडिया से बातचीत करते हुए प्रकाश सिंह बादल रो पड़े थे। उन्होंने कहा था कि गुरदास बादल के डॉक्टरों ने कई टैस्ट किए हैं और उन्हें 2-3 दिनों में पी.जी.आई से छुट्टी मिल जाएगी।
दोनों भाई एक दूसरे के कट्टर राजनीतिक विरोधी हो गए
बता दें कि गुरदास सिंह बादल अपने बड़े भाई प्रकाश सिंह बादल को पापा जी कहकर बुलाते थे जबकि प्रकाश सिंह बादल गुरदास सिंह बादल को प्यार से दास कह कर बुलाते थे। दोनों भाइयों के प्रेम के चर्चे लंबी क्षेत्र में काफी थे। लेकिन शिअद में होते समय मनप्रीत बादल एपीसोड ने ऐसी दूरियां पैदा की कि आज दोनों भाई एक दूसरे के कट्टर राजनीतिक विरोधी हो गए हैं।
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यह राजनीतिक कटुता इतनी बढ़ गई थी कि पंजाब के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में सार्वजनिक तौर पर भाषणों में देखी जा सकती थी । यहां तक कि मनप्रीत सिंह बादल सार्वजनिक मंच पर भी घरेलू बातों को उजागर कर देते थे।
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