
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 36 हजार ग्राम रोजगार सेवकों के 225.39 करोड़ रुपये दिए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के अंदर इस महीने के अंत तक हम लगभग एक करोड़ से अधिक ऐसे रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाएं जिससे हर नागरिक को रोजगार मिल सके. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा रोज़गार सृजन का एक बड़ा माध्यम बन सकता है. 23 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम प्रतिदिन 50 लाख लोगों को रोजगार दे सकें.
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उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सबसे बड़ा कार्य है कि हम अधिक से अधिक लोगों को रोज़गार उपलब्ध करवाएं और ऐसा तभी संभव हो पाएगा, जब प्रत्येक ग्राम रोजगार सेवक पूरी मज़बूती के साथ अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करें.
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि योगी ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर करीब 35 हजार 818 हज़ार ग्राम रोजगार सेवकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से 225.39 करोड़ रुपये का मानदेय अंतरित किया. उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग ने आज रोज़गार सेवकों से जुड़ी हुई समस्याओं का समाधान किया है. ये समस्याएं नवंबर 2016 से लंबित थीं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, एमएसएमई सेक्टर में लाखों लोगों को रोज़गार मुहैया कराया जा सकता है. मुख्यमंत्री योगी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कन्नौज के अश्वनी कुमार, वाराणसी की प्रेमलता, गोरखपुर के असित कुमार मिश्रा, हरदोई की जूली सिंह और प्रतापगढ़ के रविसेन सिंह से बातचीत की.