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देश में कोविड-19 रोगियों के ठीक होने की दर 31 दशमलव एक पांच प्रतिशत हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने आज नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि पिछले 24 घंटे में चार हजार दो सौ तेरह लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके साथ ही संक्रमित लोगों की संख्या 67 हजार एक सौ बावन हो गई। इनमें से बीस हजार नौ सौ छब्बीस रोगी ठीक हो गए, जबकि दो हजार दो सौ छह लोगों की मृत्यु हुई। पिछले 24 घंटे में एक हजार पांच सौ उनसठ रोगियों को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दी गई।
अधिकारी ने लोगों से अपील की कि संक्रमण का कोई भी लक्षण दिखाई देने पर उन्हें डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और इसे छिपाना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि लड़ाई कोविड-19 महामारी से है, संक्रमित लोगों से नहीं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 रोगियों को छुट्टी देने के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब बहुत मामूली, मामूली और सामान्य लक्षणों वाले रोगियों को कोविड-19 जांच के बिना ही छुट्टी दी जा सकती है। लेकिन, ऐसा करते समय उनकी क्लीनिकल दशा पर विचार किया जाएगा।
कई देशों में जांच आधारित रणनीति से लक्षण आधारित रणनीति या समय आधारित रणनीति के अनुसार रोगी को छुट्टी देने के मानदंड में परिवर्तन किया गया है। भारत ने भी इसी के अनुसार रणनीति में बदलाव किया है। अधिकारी ने बताया कि रोगी को छुट्टी देने की यह नीति घर या अस्पताल में क्वारंटीन में रह रहे लोगों के लिए नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के बहुत मामूली लक्षणों और आरंभिक लक्षणों वाले रोगियों के लिए घर पर आइसोलेशन के दिशा-निर्देश भी संशोधित किए हैं। संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐसे रोगियों को घर पर आइसोलेशन की अवधि समाप्त होने के बाद जांच की आवश्यकता नहीं होगी। गृह मंत्रालय की अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने रेलगाड़ियों से फंसे हुए लोगों के आवागमन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है। केवल कन्फर्म ई-टिकट वाले यात्री ही रेलवे स्टेशन में प्रवेश कर सकेंगे। अधिकारी ने बताया कि सभी यात्रियों की जांच की जाएगी।
केवल ऐसे लोगों को ही यात्रा करने की अनुमति होगी, जिनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं होंगे। गृह मंत्रालय और रेल मंत्रालय ने आज मजदूरों को जल्द से जल्द अपने गृह राज्य भेजने के लिए श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों की समीक्षा के लिए राज्य के नोडल अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस की। अधिकारी ने बताया कि केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखा है कि अपने घरों को लौट रहे मजदूरों को पैदल चलने या रेल की पटरियों पर चलने से रोका जाए।
अधिकारी ने बताया कि राज्यों से चिकित्साकर्मियों और पैरामेडिकल स्टाफ का आवागमन सुगम बनाने तथा सभी क्लिनिक, नर्सिंग होम और प्रयोगशालाएं खोलने को कहा गया है।
कोविड-19 से निपटने के लिए अधिकार प्राप्त समूहों में से नौंवें समूह के अध्यक्ष ने संवाददाताओं को विभिन्न बुनियादी सिद्धांतों की जानकारी दी। इस दौरान बताया गया कि नागरिकों और अन्य संबंधित पक्षों के लिए प्रौद्योगिकी और आंकड़ों का उपयोग किस तरह किया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से भारत की लड़ाई में आरोग्य सेतु ऐप महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह इस तरह विकसित किया गया है कि संक्रमित लोगों के सम्पर्क में आने से पहले यूजर को सतर्क करता है। यह लोगों को अपनी स्वास्थ्य दशा का स्वयं आकलन करने की सुविधा भी देता है। अध्यक्ष ने बताया कि इस ऐप को बनाते समय निजता के सिद्धांत पर पूरा ध्यान दिया गया है। आरोग्य सेतु ऐप करने वाले किसी भी व्यक्ति की निजी पहचान अन्य व्यक्ति के सामने प्रकट नहीं होती। यह ऐप यूजर और अन्य व्यक्तियों की कोविड-19 से सुरक्षा के लिए ही इस्तेमाल किया जा रहा है।
अध्यक्ष ने बताया कि यह ऐप इस्तेमाल करने वालों की संख्या शीघ्र ही दस करोड़ हो जाएगी। इसने पांच करोड़ यूजर तक पहुंचने के लिए सबसे तेज ऐप का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने बताया कि संक्रमण को फैलने से रोकने की कार्रवाई सुगम बनाई और समुदाय की सुरक्षा के लिए लोकेशन डेटा का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस ऐप के जरिए संक्रमित रोगियों के समीप होने के कारण संक्रमण के जोखिम की आशंका के बारे में ब्लू-टूथ के जरिए लगभग एक लाख चालीस हजार यूजर्स को सतर्क किया गया है। उन्होंने कहा कि इस ऐप से लोग अपने साथ साथ परिवार की भी सुरक्षा कर सकेंगे। आरोग्य सेतु ऐप में केवल तीस दिन के आंकड़े रखे जाते हैं। रोगी के ठीक होने की तिथि के बाद साठ दिन में संक्रमित रोगी के आंकड़े सर्वर से हटाने का प्रावधान है।