इस वजह से सैकड़ों किमी का सफर तय करके भी प्रवासी मजदूर नहीं पहुंच पा रहे हैं अपने गांव

उत्तर प्रदेश के मथुरा और राजस्थान के भरतपुर के जाजमपट्टी बार्डर पर यूपी और राजस्थान की पुलिस आपस में भिड़ गई.

नई दिल्ली:

श्रमिकों की सुरक्षित घर वापसी को लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक नीतियां साफ नहीं हैं. इसी वजह से दिल्ली और उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश बॉर्डर तक पर हजारों श्रमिक सड़क किनारे परेशान हो रहे हैं. रविवार को उत्तर प्रदेश के मथुरा और राजस्थान के भरतपुर के जाजमपट्टी बार्डर पर यूपी और राजस्थान की पुलिस आपस में भिड़ गई. दरअसल बंगाल और छत्तीसगढ़ से आए श्रामिक भरतपुर के रास्ते मथुरा जाना चाहते थे जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस ने सीमा को सील कर रखा था. भरतपुर पुलिस श्रामिकों को जल्द से जल्द मथुरा भेजना चाहती थी और मथुरा पुलिस उन्हें अंदर नहीं दाखिल होने दे रही थी. बाद में दोनों राज्यों के आला अधिकारी पहुंचे और श्रामिकों पर एक राय बनी. मथुरा के जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्रा ने बताया कि ये श्रामिक भरतपुर में रुकेंगे और उन्हें बस और ट्रेन के जरिए पहुंचाया जाएगा. 

ऐसा ही कुछ नजारा दिल्ली और यूपी बॉर्डर पर भी देखने को मिला. दिल्ली से उत्तर प्रदेश से जा रहे मजदूरों को गाजियाबाद रोका जा रहा है. उनसे कहा गया है कि उनके लिए बसों की व्यवस्था की जाएगी. यही हाल महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड लौटने वाले मजदूरों का भी है. पैदल चलते चलते-चलते इन मजदूरों के पैरों में छाले पड़ गए लेकिन जब सैकड़ों किमी का सफर तय करके मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश महोबी के कैमहा बॉर्डर पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया. करीब 24 घंटों से 5 हजार से मजदूरों रोका गया है. मुंबई से लौट रहे श्रामिक संजीव बताते हैं कि 7 दिन पैदल सफर करके पहुंचे लेकिन अब यहां रोक दिया है और कल रात से यहीं पड़े हैं. 

उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि अब तक दस लाख से ज्यादा मजदूरों को बसों के जरिए विभिन्न शहरों में पहुंचाया जा चुका है लेकिन अब भी लाखों मजदूर देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं. इन मजदूरों ने सरकार पर भरोसा करने के बजाय अपने दम पर जान जोखिम में डालकर लौटने का फैसला किया है और पिछले कई दिनों से वह इस दिशा में कोशिश भी कर रहे हैं. 

 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com