
पंजाब मंत्रिमंडल ने मुख्य सचिव की निंदा करते हुए प्रस्ताव पास किया (फाइल फोटो)
कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के बीच पंजाब में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां सरकार और राज्य के मुख्य सचिव आमने-साममे आ गए हैं. पंजाब (Punjab) मंत्रिमंडल ने मुख्य सचिव करन अवतार सिंह की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है. मुख्य सचिव पर कैबिनेट मंत्रियों के साथ "दुर्व्यवाहर" का आरोप लगाया गया है. यह घोषित किया गया है कि यदि मुख्य सचिव किसी भी कैबिनेट बैठक को आयोजित करेंगे तो वे उसमें हिस्सा नहीं लेंगे.
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने मीडिया से स्पष्ट किया कि वह ऐसी किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे, जो मुख्य सचिव करन अवतार सिंह द्वारा आयोजित की जाएगी या फिर वह इसमें शामिल होंगे. मंत्रियों के बैठक से उठ जाने की घटना के दो दिन बाद आज मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई. जिसमें मुख्य सचिव के व्यवहार की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पास किया गया.
बादल ने कहा, "हमने स्पष्ट कर दिया है कि मुख्य सचिव की ओर से आयोजित किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे. इस बैठक में मुख्यमंत्री भी मौजूद थे और उन्होंने हमें अपने बयान दर्ज कराने के लिए कहा है. मैंने हाल ही में अपनी मां को खोया है जबकि मेरे पिता आईसीयू में हैं. मैंने मौत को बहुत करीब से देखा है इसलिए मैं आपको आश्वसत कर सकता हूं कि यह अहंकार के टकराव का मामला नहीं है."