आंध्र गैस लीक मामला: PM ने बुलाई NDMA की बैठक, करीब तीन वर्गकिमी क्ष्‍ेात्र में फैली थी स्‍टाइरीन गैस

NDMA के सदस्य कमल किशोर ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि "गुरुवार सुबह जिस केमिकल फैक्ट्री से गैस लीक हुई वह विशाखापट्टनम शहर से करीब 20 दूर है.

आंध्र गैस लीक मामला: PM ने बुलाई NDMA की बैठक, करीब तीन वर्गकिमी क्ष्‍ेात्र में फैली थी स्‍टाइरीन गैस

विशाखापट्टनम गैस लीक मामले में पीएम नरेंद्र मोदी ने NDMA की बैठक बुलाई

नई दिल्ली:

Visakhapatnam Gas Leak Case: आंध्रप्रदेश के विशाखाट्टनम में गैस लीक मामले में मरने वालों की संख्‍या 11 तक पहुंच चुकी है जबकि 20 से 25 लोगों की हालत गंभीर बताई है. और करीब हज़ार लोग प्रभावित हुए हैं. जिले के आरआर वेंकटपुरम में एलजी पॉलिमर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के कैमिकल गैस प्‍लांट में रिसाव होने के बाद आसपास के लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई महसूस होने लगी थी जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) की एक हाई-लेवल मीटिंग हुई जिसमें नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फ़ोर्स (NDRF) के डायरेक्टर जनरल एसएन प्रधान ने इस हादसे से संबंधित जानकारी दी. 

एनडीआरएफ के डीजी ने बताया, "गैस लीक हादसे के बाद स्थिति काबू में है और लीकेज को काफी हद तक काबू पा लिया गया है. NDRF की विशेष टीम एक्सीडेंट साइट पर तब तक बनी रहेगी जब तक लीकेज को पूरी तरह से नहीं रोक दिया जाता." NDMA के सदस्य कमल किशोर ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि "गुरुवार सुबह जिस केमिकल फैक्ट्री से गैस लीक हुई वह विशाखापट्टनम शहर से करीब 20 दूर है. फैक्‍टरी से "स्टाइरीन" नाम की ज़हरीली गैस का रिसाव हुआ जो मनुष्य के लिए हानिकारक है. करीब एक हज़ार लोग इस हादसे में ज़हरीली गैस से प्रभावित हुए". प्रधान के मुताबिक ये गैस करीब 3 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली जिसकी वजह से आसपास के कई गांवों से लोगों को बचाकर सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है. उन्‍होंने कहा, "स्थानीय पुलिस इस हादसे के कारणों की तफ्तीश में जुटी है. ये गैस लीक कैसे और क्यों हुआ ये जांच का विषय है". 

AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि हॉस्पिटल में एडमिट किये गए अधिकतर लोगों कि हालत स्थिर हैं. उन्होंने स्‍पष्‍ट किया कि इस गैस का लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य पर ज्यादा लम्बे समय तक असर नहीं पड़ेगा. उन्‍होंने कहा कि उपलब्‍ध आंकड़ों के मुताबिक ऐसा लगता नहीं है कि इस हादसे का गैस प्लांट के आसपास रहने वालों पर लम्बे समय तक असर रहेगा.

 
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