
प्रतीकात्मक फोटो.
छपरा (सारण) केरल के कुन्नूर से सहरसा ट्रेन से पहुंचे सारण के प्रवासी कामगारों को जिला प्रशासन बस से छपरा के राजेन्द्र स्टेडियम स्थित ट्रांजिट बेस कैम्प पर लाई. यहां कामगारों का रजिस्ट्रेशन करके उनके गृह प्रखंडों को जाने वाली बसों में बिठा कर घंटों रोक दिया गया. काफी देर तक बस ना चलने और खाना-पानी की व्यवस्था नहीं होने से कामगारों ने स्टेडियम के गेट पर हंगामा करना शुरू कर दिया.
कामगारों ने बताया कि उन लोगों को ट्रेन में एक दिन में एक बार खाना मिला तथा सहरसा में खाना पानी मिला. उसके बाद बस से छपरा लाया गया. रास्ते मे खाना और पानी कुछ भी नहीं मिला. यहां तक कि छपरा पहुंचने पर भी खाना की कौन कहे, इस गर्मी में पीने का पानी तक नहीं दिया गया और बस में घंटों से बिठाकर रखा गया है.
ट्रेन के किराया के बारे में पूछने पर बताया कि हम लोगों ने अपने घर से पैसा मंगाकर ट्रेन का भाड़ा 930 रुपये दिया. ट्रेन यात्रा के दौरान रास्ते मे सिर्फ बिस्कुट दिए जाने की बात कही. उन लोगों ने बताया कि हमारे प्रदेश की सरकार यहां आने पर कोई सुविधा नहीं दे रही है, पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है. इस स्थिति में हम लोग की तबियत खराब होती है तो लोग कहेंगे कि सबको कोरोना हो गया है. किसी तरह राजेन्द्र स्टेडियम में मौजूद अधिकारियों ने सभी को समझा बुझाकर शांत करवाया.