
फाइल फोटो
खास बातें
- कर्नाटक सरकार ने प्रवासी मजदूरों की ट्रेनें रद्द कीं
- जावेद अख्तर ने किया ट्वीट
- बोले- बिल्डर्स लॉबी के इशारे पर...
कर्नाटक सरकार ने बीते दिनों उन सभी 10 ट्रेनों को रद्द कर दिया है जिनसे इस सप्ताह प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को उनके घर पहुंचाए जाने की उम्मीद थी. विपक्षी कांग्रेस (Congress) पार्टी ने बीएस येदियुरप्पा सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए इसे इन श्रमिकों को 'बंधक' बनाना करार दिया है. कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर बॉलीवुड के सितारों ने भी खूब रिएक्शन दिया है. अब बॉलीवुड के मशहूर गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने भी इस संबंध में एक ट्वीट किया है, जो सुर्खियों में है.
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कर्नाटक सरकार ने प्रवासी मजदूरों की ट्रेन रद्द कीं तो कांग्रेस बोली- आप उन्हें इस तरह 'बंधक' नहीं रख सकते
An state on the behest of the builders lobby has canceled the trains that would have taken the poor migrant workers to their hometowns n native villages . Pharaoh is not letting Hebrew slave to get away . There are few pyramids to be made
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) May 7, 2020
जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने अपने ट्वीट में लिखा: "बिल्डरों की लॉबी के इशारे पर एक राज्य ने उन ट्रेनों को रद्द कर दिया है, जो गरीब प्रवासी श्रमिकों को उनके गृहनगर और मूल गांवों में ले जाती. सत्ता वर्ग मजदूरों को उनके घर जाने नहीं दे रहा है. कुछ और इमारतें बनाई जानी हैं." जावेद अख्तर ने इस तरह कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाया है. बता दें कि लगातार हो रहे विरोध पर मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस संबंध में कहा है कि उन्होंने प्रवासी श्रमिकों से रुकने की अपील की थी क्योंकि राज्य में निर्माण कार्य फिर से शुरू हो गया है.
गौरतलब है कि मजदूरों के 'देशव्यापी पलायन' के बीच केंद्र और राज्यों के बीच चली लंबी बातचीत के बाद पिछले सप्ताह प्रवासी मजदूरों को घर से पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेनों को शुरू किया गया था. लॉकडाउन के कारण इन प्रवासी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का खतरा पैदा हो गया था. काम नहीं मिलने के कारण इनकी आर्थिक स्थिति खस्ता हो गई थी. ऐसे में हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों ने अपने गृह राज्यों के लिए पैदल यात्रा शुरू कर दी थी. इनका तर्क था कि कोरोना वायरस की महामारी तो उन्हें बाद में मारेगी, इससे पहले ही भूख के कारण उनकी मौत हो जाएगी. जब लंबे विचारविमर्श के बाद केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों को घर लौटने की अनुमति दी तो राज्यों ने इसके लिए विशेष रेलगाड़ी चलाने की मांग की थी.