
मजदूरों की ट्रेन रद्द करने के फैसले को कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने अमानवीय बताया है.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने राज्य सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों की ट्रेन रद्द करने के फैसले को अमानवीय करार दिया है. सिद्धारमैया ने कहा कि यह मजदूरों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री का यह तर्क कि मजदूरों के चले जाने से निर्माण कार्य नहीं होगा, येदियुरप्पा सरकार की मानसिकता दिखाता है. उन्होंने लिखा कि राज्य सरकार को इन असहाय मजदूरों की जान की कोई फिक्र नहीं है.
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सिद्धारमैया ने कहा कि घर वापिस जाने या कर्नाटक में रुकने का फैसला मजदूरों पर छोड़ देना चाहिए न कि सरकार को लेना चाहिए. यह मजदूरों को तय करना है कि वे अपनी सेहत चुनते हैं या काम. अगर कुछ गलत होता है तो कौन इसकी जिम्मेदारी लेगा? आज की तारीख में क्या हम बंधुआ मजदूरी करा रहे हैं? क्या कर्नाटक सरकार द्वारा मजदूरों के हितों का ख्याल रखा गया. सरकार ने भी मजदूरो की कोई परवाह नहीं की. सिद्धरमैया ने कहा, 'मैं मांग करता हूं कि जो मजदूर अपने घर लौटना चाहते हैं उनके लिए ट्रेन की व्यवस्था की जाए. '
The decision of @CMofKarnataka to cancel trains for migrants is not just inhuman but also violation of fundamental rights.#MigrantLivesMatter
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) May 6, 2020
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The argument of @CMofKarnataka that construction will not happen if migrants go back just exposes @BSYBJP's mindset. He is willing to sacrifice the lives of helpless labourers for the sake of invisible hands.#MigrantLivesMatter
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) May 6, 2020
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The decision to go back or to stay back should be with the labourers & not with the government. Labourers are free to choose health or work. Who will take responsibility if something goes wrong?
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) May 6, 2020
Are we still practicing bonded labour?
For me #MigrantLivesMatter!!
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Had the interests of labourers been taken care by the concerned stakeholders, migrants may have stayed back.
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) May 6, 2020
Even govt did little to address their concerns.
I strongly urge @CMofKarnataka to arrange trains for those migrants who wish to go back.#MigrantLivesMatter
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बता दें कि कर्नाटक सरकार ने उन सभी 10 ट्रेनों को रद्द कर दिया है जिनसे इस सप्ताह प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाए जाने की उम्मीद थी. इस बीच, मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि उन्होंने प्रवासी श्रमिकों से रुकने की "अपील" की थी क्योंकि राज्य में निर्माण कार्य फिर से शुरू हो गया है.
दक्षिण पश्चिम रेलवे को लिखे लेटर में प्रवासी श्रमिक के नोडल अधिकारी एन मंजुनाथ प्रसाद ने अपने पहले के आग्रह का जिक्र करते हुए कहा: "हमने 5 दिनों के लिए प्रतिदिन दो ट्रेन सेवाओं को चलाने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया था. कल यानी 06.05.2020 के लिए तीन ट्रेनों की व्यवस्था की जा सकती है.” 5 मई को लिखे गए पत्र में कहा गया है, "चूंकि कल से ट्रेन सेवाओं की आवश्यकता नहीं है, इसलिए उपरोक्त संदर्भ के तहत पत्र को वापस ले लिया गया है."