
Futuristic coronavirus cells abstract background with glowing low polygonal virus cells and text on dark blue background. Immunology, virology, epidemiology concept. Vector illustration.
पिछले कुछ महीनों से पूरी दुनिया में कोरोना वायरस को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। आए दिन कोरोना वायरस को लेकर नई नई जानकारियां सामने आती रहती हैं। अब ऐसी ही एक और जानकारी कोरोना वायरस को लेकर सामने आ रही है। अमेरिका में साइंटिस्ट्स को पहली बार कोरोना वायरस में एक खास तरह का म्यूटेशन देखने को मिला है। एरिजोना में एक मरीज के कोरोना वायरस सैंपल की जांच में पाया गया कि वायरस के जेनेटिक मैटेरियल का एक हिस्सा गायब है।
2003 में सार्स महामारी के समय भी हुआ था ऐसा
ये घटना कहीं न कहीं एक शुभ संकेत हो सकती हैं। क्योंकि इससे पहले 2003 में सार्स महामारी फैलने के बाद भी वायरस के जेनेटिक मैटेरियल गायब होने की ऐसी ही घटना सामने आई थी। जिसके बाद धीरे धीरे सार्स महामारी खत्म होने लगी थी। एक प्रमुख मीडिया प्रकाशन की रिपोर्ट के अनुसार वायरस में साइंटिस्ट्स को जो बदलाव देखने को मिला है
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उससे यह भी संकेत मिलता है कि इंसानों में वायरस संक्रमण कमजोर पड़ रहा है। सार्स के दौरान 2003 में जब वायरस का इसी तरह का म्यूटेशन बढ़ने लगा था तो महामारी खत्म होने लगी था। हालांकि, सार्स इतने बड़े पैमाने पर दुनियाभर में नहीं फैला था।
पूरी दुनिया में जारी कोरोना का कहर
अब एस्टेट यूरिजोना निवर्सिटी के रिसर्च करने वालों का मानना है कि अगर बड़े पैमाने पर वायरस का Genome Sequencing किया जाए तो ऐसे परिणाम और जगहों से भी मिल सकते हैं। गौरतलब है कि चीन से शुरू हुए इस जानलेवा कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में लगातार जारी है। पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या अब बढ़ कर 36 लाख पहुंच चुकी है।
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वहीं अबतक इस वायरस की चपेट में आने से 2 लाख 57 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं सिर्फ अमेरिका में 12 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं 71 हजार से अधिक लोगों की अमेरिका में मौत हो गई है।