
बारिश का कहर: मौसम ने बदला करवट, ओलावृष्टि से हुआ भारी नुकसान
देहरादून: उत्तराखंड में बेमौसम बारिश ने किसानों पर अपना कहर बरसाया है। बे-मौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि की वजह से किसान के फसलों को काफी नुकसान हुआ है। राज्य में बारिश ने कई सालों के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश में अप्रैल से मई महीने की शुरूआत तक 160 MM से ज्यादा बारिश हो चुकी है।
अप्रैल से मई तक 160 MM तक बारिश
इस बार जल्दी बारिश शुरू होने की वजह से उत्तराखंड में अप्रैल महीने में पड़ने वाली गर्मी भी इस बार नहीं पड़ी। क्योंकि पिछले महीने यानि अप्रैल में बारिश और ओलावृष्टि ज्यादा हुई है। में अप्रैल से मई महीने की शुरूआत तक 160 MM तक बारिश ही जबकि इन महीनों में 80 MM तक ही बारिश होती थी। इस बार प्रदेश में मौसम में भी काफी बदलाव देखने को मिला है।
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किसानों की फसलों को हुआ भारी नुकसान
उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि के साथ-साथ आंधी तूफान की वजह से किसानों के फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। आमतौर पर प्रदेश में अप्रैल और मई महीने में अच्छी खासी गर्मी पड़ती थी। जिससे किसानों की फसले पक कर तैयार हो जाया करती थी। साथ ही फसलों की कटाई भी समय से हो जाया करती थी। लेकिन बारिश और ओलवृष्टि की वजह से गेहूं की फसलें बर्बाद हो गईं और साथ ही फसल अच्छी होने की उम्मीद भी छिन गई है।
बागवानी करने वाले किसानों की फसलें बर्बाद
साथ ही पर्वतीय और क्षेत्रों में बागवानी करने वाले किसानों की भी फसलें बर्बाद हो गई हैं। बारिश और ओलावृष्टि की वजह से आम, लीची, सेब, मॉल्टा, खुबानी, आड़ू की फसल को भी अच्छा खासा नुकसान हुआ है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की मार झेल किसानों को चोट पर चोट लगने का सिलसिला जारी है। बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है।
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किसानों को दी जाएगी आर्थिक मदद
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रदेश में इस बार बागवानी करने वाले किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। क्योंकि सबसे ज्यादा ओलावृष्टि पहाड़ों में हुई है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार फसलों के नुकसान का आंकलन कर रही है और बारिश व ओलावृष्टि से किसानों को जो नुकसान हुआ है, उसके लिए किसानों को मुख्यमंत्री राहत कोष, आपदा राहत कोष और अन्य माध्यमों से आर्थिक सहायता दी जाएगी।
पिछले साल की तुलना में दोगुनी बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार ओलावृष्टि ज्यादा हुई है। साथ ही इस बार पिछले साल के मुताबिक दोगनी बारिश हुई है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। विभाग का कहना है कि मौसम में ऐसा बदलाव ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से देखने को मिल रहा है या इसकी कोई और वजह है, इस पर वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक 7 मई के बाद प्रदेश में मौसम फिर से करवट बदलेगा। साथ ही ये भी कहा गया है कि प्रदेश में बारिश होने की संभावना भी कम नहीं है।
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