यूपी: पीलीभीत के प्रशासन की अनोखी पहल, सुपरहिट हिंदी फिल्मों के डायलॉग से की जा रही है Covid-19 की रोकथाम

पीलीभीत की सड़कों पर ऐसे डायलॉग के जगह जगह पर पोस्टर लगे हैं, पोस्टर में इसे थोड़ा बदल कर कर दिया गया है.

यूपी: पीलीभीत के प्रशासन की अनोखी पहल, सुपरहिट हिंदी फिल्मों के डायलॉग से की जा रही है Covid-19 की रोकथाम

पीलीभीत की सड़कों पर ऐसे डायलॉग के जगह जगह पर पोस्टर लगे हैं

पीलीभीत :

यूपी के पीलीभीत शहर की सड़कें लॉकडाउन में सुपरहिट हिंदी फिल्मों के पोस्टरों से पटी पड़ी हैं. इन पोस्टरों में फिल्मों के कई यादगार सीन और उसके डायलॉग कुछ यूं बदल कर लिखे गए हैं कि वे कोरोना से लड़ने की नसीहत दे सकें. मिसाल के लिए 'दीवार' फिल्म का सीन पोस्टर में है जिसमें अमिताभ कि 'मेरे पास मास्क है.' पीलीभीत की सड़कों पर ऐसे डायलॉग के जगह जगह पर पोस्टर लगे हैं, पोस्टर में इसे थोड़ा बदल कबच्चन पूछ रहे हैं कि 'आज मेरे पास बंगला है, गाड़ी है, पैसा है. तुम्हारे पास क्या है... तो शश‍ि कपूर कहते हैं र कर दिया गया है. जैसे 'कालिया' फिल्म के डॉयलॉग को कुछ यूं कर दिया गया है, 'हम जहां खड़े होते हैा, लोग दो मीटर दूर खड़े होते हैं.'

एक स्थानीय बुजुर्ग कहते हैं, 'यह बहुत बढ़िया कदम है. इससे हम भी लोगों को बता रहे हैं कि गोला बनाकर रखो, दूरी बनाकर रखो. और इससे लोगों में जागरूकता पैदा हो रही है. लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं है. और जानकारी जितना भी ज्यादा होगी, उतना हम इस मर्ज से, इस कोरोना बीमारी से बच सकते हैं. अमिताभ बच्चन की फिल्म 'दीवार' का ये सीन और डायलॉग अमर हो चुका है लेकिन इस डॉयलॉग के सिर्फ एक लफ्ज 'मां' में डेढ़ अक्षर जोड़कर 'मास्क' बना दिया गया.

ऐसे बहुत सारे पोस्टर हैं जिनमें हिंदी सिनेमा के सुपर हिट डायलॉग को मैसेज देने के लिए थोड़ा बदल दिया गया है. मिसाल के लिए राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की फिल्म 'अमर प्रेम' का डायलॉग 'मैंने तुमसे कितनी बार कहा है पुष्पा मुझसे ये आंसू नहीं देखे जाते. आई हेट टीयर्स. आई हेट टीयर्स को ए पुष्पा, आई हेट गैदरिंग कर दिया गया. सुनील शेट्टी की फिल्म 'धड़कन' का डायलॉग ''मैं तुम्हें भूल जाउं ये हो नहीं सकता, तुम मुझे भूल जाओ ये मैं होने नहीं दूंगा.'' इसको ''मैं घर से बाहर जाउं ये हो नहीं सकता और तुम घर से बाहर जाओ ये मैं होने नहीं दूंगा'' कर दिया गया है.

प्रचार के इस तरीके की शहर में काफी चर्चा है. पीलीभीत के जेल अधीक्षक अनूप सिंह कहते हैं, 'मेरे द्वारा जानबूझकर ऐसे ऐसे आइकॉन उठाए गए हैं जिन्हें लोग अपना आइडल मानते हैं. जैसे बच्चन साबह हो गए, शाहरुख खान साहब हैं. और जो बहुत ही यादगार फिल्में रही हैं अपने समय की और जो समाज में एक सकारात्मक संदेश दे सकती हैं, मैंने जानबूझकर उन्हीं चीजों को उठाया है.

 
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