
मध्यप्रदेश के भोपाल में बेचा जा रहा सैनिटाइजर.
कोरोना वायरस (Coronavirus) के डर के बीच मध्यप्रदेश में शराब की बिक्री बंद है. ऐसे में कई इलाकों में सैनिटाइजर (Sanitizer) को शराब की जगह पीने का मामला सामना आया है. यही नहीं जिन शराब कंपनियों को सैनिटाइजर बनाने का लाइसेंस मिला है, वे अपने ब्रांड की बोतलों में ही सैनिटाइजर भी बेच रही हैं.
लॉकडाउन में मध्यप्रदेश में शराब पर पाबंदी है तो पीने वालों ने सैनिटाइजर का लेबल पढ़ लिया. भोपाल में स्थानीय ब्रांड की शराब के नाम पर ही सैनिटाइजर मांगे जा रहे हैं. कुछ ऐसे ही लोगों को हमने बातचीत के लिए तैयार किया, तो चौंकाने वाली बात पता लगी. शहर के कोलार इलाके में रहने वाले पेशे से ड्राइवर एक युवा ने हमें बताया ''हम यहां सैनिटाइजर पी रहे थे. नशा होता है इससे... कलारियां वगैरह सब बंद हैं. जो शराब ब्लैक में मिल रही है, वो बहुत महंगी है. लोगों से पता लगा इसमें अल्कोहल होता है. पानी में मिलाकर पी रहे हैं, कम में भी पड़ता है.''
हालांकि दुकानदारों को नहीं पता कि लोग इसका क्या इस्तेमाल कर रहे हैं. एक दुकानदार अशोक शर्मा ने कहा ''हमें सांची ने दिया है सैनिटाइजर बेचने, ग्राहक आते हैं, हम दे देते हैं. वो इसका क्या इस्तेमाल करते हैं, हमें क्या पता.''
शहर के अस्पतालों में ऐसे मरीज़ पहुंच रहे हैं जो ज्यादा सैनिटाइजर पीकर बीमार पड़े. एक की तो मौत भी हो गई. सिद्धांत रेडक्रॉस अस्पताल के निदेशक डॉ सुबोध वार्ष्णेय ने कहा ''ये जो सैनिटाइजर है, उसमें अल्कोहल कम से कम 70 परसेंट होना चाहिए लेकिन कुछ में 80 प्रतिशत भी है. इसका मतलब ये है कि व्हिस्की से दोगुनी मात्रा में अल्कोहल है. यानी किसी ने 100 एमएल सैनिटाइजर 80 परसेंट वाला पिया तो उसने 200 एमएल व्हिस्की पी ली. इसमें ओवरडोज होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है. बहुत मात्रा में पी लिया जाए तो जान को भी खतरा है.''
हालांकि आबकारी विभाग का कहना है उनके पास फिलहाल इस तरह के आंकड़े, या बहुत ज्यादा शिकायतें नहीं आई हैं कि लोग शराब के बदले सैनिटाइजर पी रहे हैं. सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे ने कहा ''हमारे पास अभी इस मामले में शिकायत नहीं आई है कि लोग सैनिटाइजर उपयोग कर रहे हैं, जिसको हम वैकल्पिक शराब कह सकते हैं. हम इएनए ( एक्सट्रा न्यूट्रल अल्कोहल) लाकर कंपनियों को दे देते हैं, बाकी वो क्या डालेंगे, कैसा ब्रांड बनाएंगे ये ड्रग्स कंट्रोलर का काम होता है. डब्लूएचओ के आधार पर काम होता है.''
#कोरोनावायरस शराब की बिक्री बंद है, ऐसे में कई इलाकों में सैनिटाइजर को शराब की जगह पीने का मामला सामना आया है, जिन शराब कंपनियों को सैनिटाइजर बनाने का लाइसेंस मिला है वो अपने ब्रांड की बोतलों में ही सैनिटाइजर भी बेच रहे हैं @ndtvindia@INCMP@ChouhanShivraj#Covid_19#Coronapic.twitter.com/wFnVJeh5Tw
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) May 1, 2020
जानकार कहते हैं कि सैनिटाइजर में अल्कोहल के अलावा, ग्लिसरीन और हाइड्रोजन पैराक्साइड भी है जिसका इस्तेमाल जानलेवा हो सकता है. लॉकडाउन के बाद अकेले भोपाल संभाग में 11 डिस्टलरियां रोजाना 79 हजार 41 बल्क लीटर सैनिटाइजर बना रही हैं. तीन महीने के लिए इन्हें ये लाइसेंस मिला है. रेट भी तय है 90-एमएल सैनिटाइजर 45 रुपये में, 180-एमएल 90 रुपये में. लेकिन अब सैनिटाइजर का शराब के रूप में इस्तेमाल चिंता का सबब है.