
यूपी सरकार ने 10 लाख लोगों के लिए क्वॉरेंटाइन सुविधा की तैयारी की है.
गृह मंत्रालय ने इसे लेकर जारी किया था दिशा-निर्देश
कई राज्य जिसमें बिहार, राजस्थान महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के कुछ राज्य शामिल हैं, ने प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष रूप से ट्रेन चलाने के लिए के लिए आग्रह किया है. हालांकि केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक राज्य सरकारें केवल सड़क के माध्यम से मजदूरों को वापस अपने राज्य ला सकती हैं. इसके लिए सरकारों को खुद ही इंतजाम करने के लिए कहा गया है.
राजस्थान सरकार ने करीब 26,000 लोगों को आज मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर छोड़ा है. इसी तरह 2,000 लोगों को हरियाणा के बॉर्डर पर और कुछ को गुजरात के बॉर्डर पर छोड़ा गया है.
6 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों ने राजस्थान सरकार को मदद के लिए अपना नाम रजिस्टर करवाया था. अब इन लोगों में कोरोनावायरस के लक्षणों की जांच की जा रही है और जिनमें लक्षण नहीं है उनको उनके गृह राज्य वापस भेजा जा रहा है. यह जानकारी राजस्थान के गृह मंत्री ने दी.
आज सुबह एक मीटिंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में 10 लाख लोगों के लिए क्वॉरेंटाइन सुविधा की व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं. इसमें 4 लाख लोगों के क्वॉरेंटाइन में रहने की मौजूदा सुविधा भी शामिल है.
अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार ने 4 लाख प्रवासी मजदूरों के लिए दिल्ली से वापसी का इंतजाम किया था. राज्य के जो छात्र दिल्ली में फंसे हुए हैं उनको भी वापस लाया जाएगा. फिलहाल अधिकारी वापिस लाए जाने वालों की एक सूची तैयार कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की सभी सीमाओं को सील करने के आदेश दिए हैं. प्रवासी मजदूरों से अपील की गई है कि वे पैदल घर ना जाएं. सभी संबंधित राज्यों से बातचीत की जा रही है जिससे कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस भेजने के लिए योजना बनाई जा सके.
राजस्थान के कोटा में फंसे 11,000 से ज्यादा छात्रों को राज्य वापस लाने के बाद योगी सरकार तीन बार प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचा चुकी है.
पिछले हफ्ते योगी सरकार 12,000 प्रवासी मजदूरों को हरियाणा से वापस घर लाई. साथ ही 15,000 छात्रों को प्रयागराज से उनके घर पहुंचाया गया.
कल केंद्र सरकार ने कहा कि प्रवासी मजदूर, छात्र और तीर्थयात्री और पर्यटक जिन्हें कोरोनावायरस नहीं है वे अपने घर वापस जा सकते हैं. गृह मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है जिसमें राज्यों को नोडल बॉडी तैयार करने को कहा गया है. साथ ही लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने को कहा गया है.
सूत्रों का कहना है फंसे हुए लोगों को उनके घर वापस भेजने का दबाव बीजेपी के भीतर से ही सरकार पर पड़ा है. पार्टी नेतृत्व को चिंता थी कि प्रवासी मजदूरों का संकट कहीं पार्टी को राजनीतिक नुकसान ना पहुंचाए. इस मामले में पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा को सांसदों और विधायकों ने फीडबैक दिया था.