रोजेदारों के कंधों पर गई हिन्दू की अर्थी, भाईचारे, सौहार्द्र की अनूठी मिसाल

मुस्लिम भाइयों ने हिंदू रीति-रिवाज से रमेश चंद माथुर का अंतिम संस्कार करा कर मेरठ का नाम तो पूरी दुनिया में रोशन किया ही है। साथ ही  ऐसा करके उन्होंने साबित कर दिया कि हमारे देश की भाई-चारे को कोई भी नुकसान नही पहुंचा सकता है।

मेरठ रमेशचंद्र की अर्थी

मेरठ रमेशचंद्र की अर्थी

मेरठः उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में इंसानियत, भाईचारे, सौहार्द्र की अनूठी मिसाल उस समय देखने को मिली जब मंगलवार को लोंगो ने रोजेदारों के कंधों पर गई रमेशचंद की अर्थी अंतिम संस्कार के लिए जाते देखी। दरअसल, शाहपीर गेट निवासी कायस्थ धर्मशाला के केयरटेकर 78 वर्षीय रमेश चंद्र माथुर का मंगलवार को बीमारी के कारण निधन हो गया। उनका एक बेटा यहीं पर है, लेकिन दूसरा बेटा बाहर है। वह लॉकडाउन के कारण मेरठ नहीं आ सका।

मुस्लिम समाज ने उठाई जिम्मेदारी

ऐसे में मुस्लिम समाज के लोगों ने रमेश चंद माथुर के अंतिम संस्कार की पूरी जिम्मेदारी उठाई। अर्थी को कंधे कम नहीं पड़ने दिए। अंतिम संस्कार तक साथ निभाया। यहां बता दें कि शाहपीर गेट इलाका मुस्लिम बाहुल्य है।

मिली जानकारी के अनुसार मुस्लिम बाहुल्य शाहपीर गेट इलाके में रहने वाले रमेश चंद्र माथुर यहां कायस्थ धर्मशाला में केयरटेकर थे। उनका बेटा कोमल माथुर दिल्ली में जॉब करता है। लॉकडाउन के कारण वह मेरठ नहीं आ सका। दूसरा बेटा यहीं पर है। मंगलवार को रमेश चंद्र माथुर का निधन हो गया। उनके निधन का पता लगते ही पूरे इलाके में शोक छा गया।

रमजान के मुकद्दस महीने में मुस्लिम समाज के लोगों, रोजेदारों ने उनके अंतिम संस्कार की सभी जिम्मेदारियां निभाईं। अंतिम यात्रा में जब कंधा देने का समय आया तो मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कंधे कम नहीं पड़ने दिए। अर्थी को कंधों पर उठाए लोग सूरजकुंड श्मशान तक पहुंचे। रास्तेभर राम नाम सत्य है भी बोलते रहे। यह दृश्य देख हर कोई कह उठा इंसानियत से बड़ा कोई मजहब नहीं।

रमेश चंद माथुर के अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों में दिलशाद अंसारी, अंसारी, महमूद अंसारी,  दानिश सैफी समेत काफी संख्या में लोग शामिल रहे। भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्य कारिणी सदस्य अंकित चौधरी ने कहा कि मुकद्दस रमजान माह में लोगों ने यह मिसाल कायम की है। अंकित चौधरी ने कहा कि मुस्लिम भाइयों ने हिंदू रीति-रिवाज से रमेश चंद माथुर का अंतिम संस्कार करा कर मेरठ का नाम तो पूरी दुनिया में रोशन किया ही है। साथ ही  ऐसा करके उन्होंने साबित कर दिया कि हमारे देश की भाई-चारे को कोई भी नुकसान नही पहुंचा सकता है।