
चिदंबरम ने विलफुल डिफॉल्टर मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा है
नीरव मोदी (Nirav Modi) और विजय माल्या (Vijay Mallya) जैसे बड़े विल्फुल डिफॉल्टरों के मामले में केंद्र सरकार और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रहे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के बाद अब पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम भी 'मैदान' में उतर आए हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता चिदंबरम (P. Chidambaram) ने इस मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि वे टेक्निकल रूल के पीछे क्यों छिप रही हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा इस मामले में दिए गए स्पष्टीकरण पर टिप्पणी करते हुए चिदंबरम ने कहा, 'मैंने संसद में पूछा था कि 2004 से पहले, 2004 से 2014 तक के और 2014 के बाद के नॉन प्रोफिटेबल असेट यानी NPA का ब्रेकअप सरकार क्यों नहीं दे रहीं.'
संबंधित
नीरव मोदी जैसे विल्फुल डिफाल्टरों के मामले में वित्त मंत्री की सफाई पर कांग्रेस बोली, 'इन 4 सवालों के सीधे जवाब दें निर्मला सीतारमण'
बैंक कर्ज़ को बट्टे खाते में डालने का क्या अर्थ होता है, उम्मीद है, यह राहुल गांधी ने डॉ. मनमोहन सिंह से समझा जरूर होगा : निर्मला सीतारमण
नीरव मोदी, विजय माल्या, मेहुल चौकसी - अब तक किससे कितनी हुई वसूली, निर्मला सीतारमण ने दिया हिसाब
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि यह ब्रेकअप मिले तो ही यह अंदाज़ा लगेगा कि इस दौरान कितने लोन दिए गए? वित्त मंत्री सिर्फ़ यह कहती रहती हैं कि सारे लोन पूर्ववर्ती यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस (UPA) सरकार के दौरान दिए गए. RBI का वह नियम उन विल्फुल डिफ़ॉल्टर पर क्यों लागू किया जा रहा जो भगोड़े घोषित किए जा चुके हैं. यह नियम दूसरी कैटेगरी के डिफ़ॉल्टर पर भी लागू हो सकता है, लेकिन भगोड़ों पर क्यों? वित्त मंत्री एक तकनीकी बात कह रही हैं पर सवाल एक बड़े आयाम का है. भगोड़ों पर वो नियम लागू क्यों हो रहा है जो हज़ारों करोड़ का क़र्ज़ लेकर भाग चुके हैं. वित्त मंत्री टेक्निकल रूल के पीछे क्यों छिप रही हैं. यह नियम उन नार्मल डिफ़ॉल्टर पर लागू हो सकता है जिनकी संपत्ति से यहां पर रिकवरी हो सकती है.
गौरतलब है कि विजय माल्या, मेहुल चोकसी और नीरव मोदी जैसे विल्फुल डिफॉल्टर मामले का कर्ज माफ करने संबंधी कांग्रेस के आरोपों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया था. इस जवाब में कहा गया था कि कांग्रेस नेताओं को इस बारे में विचार करना चाहिए कि क्यों वह सिस्टम की सफाई में कोई रचानात्मक भूमिका नहीं निभा सके. न तो सत्ता में रहते हुए और न विपक्ष में रहते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार और पक्षपात को रोकने में कोई प्रतिबद्धता दिखाई वित्त मंत्री ने आगे कहा था कि इससे पहले 18 नवंबर 2019 को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बैंकों का पैसा गबन करने वालों के नाम सरकार की ओर से दिए जा चुके हैं. लोकसभा में राहुल गांधी के 304 नंबर सवाल के जवाब में भी बैकों का पैसा गबन करने वाले लोगों के नाम, पैसा और किन लोगों को नाम बट्टे खाते में (written off) में डाला गया है, सारी जानकारी दी जा चुकी है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि मोदी सरकार ही बैंकों का पैसा गबन करने वालों से वसूली कर रही है. नीरव मोदी मामले में 2387 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त की जा चुकी है और वह अभी यूके की जेल में है. मेहुल चोक्सी के केस में 1936.95 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त की जा चुकी है. उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया जा चुका है. एंटीगुआ से उसके प्रत्यर्पण के लिए अर्जी दी जा चुकी है. उसको भगोड़ा घोषित करने के लिए कोर्ट में सुनवाई चल रही है. विजय माल्या मामले में 8040 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है साथ ही 1693 करोड़ रुपये के शेयर भी सील किए गए हैं. उसको भगोड़ा घोषित किया जा चुका है. उसको प्रत्यर्पण की कोशिश की जा रही है और यूके हाईकोर्ट ने उस पर मुहर लगा दी है.