
सरयू राय लॉकडाउन के बाद से रांची में फंसे हैं (फाइल फोटो)
Jharkhand Corona updates: लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) होने के बाद बहुत सारे सांसद और विधायक या तो दिल्ली या अपने अपने राज्य की राजधानियों में फंसे हैं. ऐसे ही एक विधायक हैं झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय. विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुबर दास को पराजित करने वाले राय की दिक्कत ये है कि वो लॉकडाउन के बाद से रांची में फंसे हैं और अपने विधानसभा क्षेत्र जमशेदपुर नहीं जा पा रहे हैं. इसलिए उन्होंने कैबिनेट सचिव से लेकर राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है लेकिन कोई जवाब नहीं दे रहा.
सरयू राय ने एक बयान में कहा है कि कोटा से या अन्य स्थानों से वहां पढ़ने गये बच्चों-बच्चियों को लाने के लिये बसें भेजने की अनुमति देने पर झारखंड सरकार सहमत नहीं हो रही है. मैंने जमशेदपुर के बच्चे-बच्चियों को लाने के लिये बस और छोटी गाड़ियों की व्यवस्था करने की तैयारी कर ली है पर राज्य सरकार अनुमति देने के लिये राज़ी नहीं हो रही है. परंतु कोटा से भाड़े की गाड़ी करके जो बच्चे झारखंड आना चाह रहे हैं उन्हें वहां का प्रशासन पास जारी कर दे रहा है. जमशेदपुर के तीन विद्यार्थी अभी अभी कोटा से जमशेदपुर पहुंचे हैं. उनसे जानकारी लेकर अन्य अभिभावक भी अपने बच्चों को वहां से लाने की योजना बना सकते हैं. इसमें मेरा सहयोग रहेगा.'
उन्होंने कहा, 'समझना कठिन हो रहा है कि एक देश में दो विधान कैसे चल रहा है. एक सरकार एक राज्य से दूसरे राज्य में आने जाने का पास जारी कर दे रही है और दूसरी सरकार केन्द्र सरकार के उसी नियम का हवाला देकर दूसरे राज्य में कौन कहे दूसरे ज़िले में जाने का पास नहीं दे रही है. आख़िर एक भारत देश में एक केन्द्र सरकार के एक ही नियम की व्याख्या दो राज्य अलग-अलग कैसे कर रहे हैं. प्रधानमंत्री जी को स्पष्ट करना चाहिये कि दो प्रकार के राज्यों मे कौन सही है, कौन ग़लत है? कौन राज्य उनके लॉकडाउन का पालन कर रहा है और कौन इसका उलंघन कर रहा है? क्या यह संवैधानिक संकट नहीं है? युपी, गुजरात, मध्यप्रदेश, छतीसगढ़ की सरकार को कोटा जाकर अपने राज्य के बच्चों को लाने की अनुमति किसने दी है और झारखंड-बिहार को यही अनुमति क्यों नहीं मिल रही है? यह भारत के संविधान के पालन और उलंघन का मामला है. केन्द्र और राज्य की सरकार स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है तो क्या इसके लिये न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा.'